हमारे देश में जल प्रदूषण जिस तेजी से बढ़ रहा है, वह चिंताजनक है। हालांकि, इस दिशा में सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वे प्रयास इस विकराल समस्या के समाधान के लिए काफी नहीं हैं। ऐसे में पंजाब के होशियारपुर के लोगों ने स्वयं सहायता समूह की मदद से एक ऐसा नायाब प्रयास किया है, जिसकी वजह से गंदे पानी को साफ-स्वच्छ बनाया जा रहा है।
नई, सस्ती और आसान तकनीक
दरअसल, होशियारपुर के लोगों ने चावल के भूसे की राख से पानी साफ करने का एक प्रोजेक्ट लगाया है। हालांकि, पानी को साफ करने की कई तकनीके अपनाई गई है लेकिन होशियारपुर के लोगों का यह तकनीक बिल्कुल नई, सस्ती और आसान है। यह काम लैंबड़ा कांगरी मल्टीपर्पस को-ऑपरेटिव सर्विस सोसाइटी कर रही है। समिति का कहना है कि प्रोजेक्ट काफी सस्ता है और इस तकनीक के ज़रिये उपचारित पानी का उपयोग खेतों में भी किया जा सकता है, क्योंकि यह फसलों के लिए फायदेमंद होगा।
भूसे की राख थी बड़ी समस्या
पंजाब में चावल के भूसे की राख को निपटाना एक बड़ी समस्या है। इससे निपटने के लिए लैंबड़ा कांगरी मल्टीपर्पस को-ऑपरेटिव सर्विस सोसाइटी ने राख से पानी को साफ करने का तरीका निकाल लिया। फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट की तौर पर लामरा गांव में शुरू किया गया है।
पानी साफ करने का आसान तरीका
इस तकनीक के ज़रिए अशुद्ध पानी को चावल के भूसे की राख से उपचारित किया जाएगा। दरअसल, चावल के भूसे का इस्तेमाल मिलों में ईंधन के रूप में किया जाता है, जिससे राख पैदा होती है। फिर इस राख को निपटाना बड़ी मुसीबत हो जाती है। इसी के चलते ऐसी तकनीक की खोज की गई, जिससे राख का सही इस्तेमाल हो सके।
पीएयू से प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
शुरूआत में घरों के खराब पानी पर इस तकनीक का उपयोग किया गया था और इससे प्राप्त उपचारित पानी के नमूने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग को भेजे गए थे। पानी के नमूने के रिज़ल्ट चौंकाने वाले मिले। ऐसे में पीएयू ने भी इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है।
अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा, तो पानी को साफ करना काफी आसान हो जायेगा और साफ पानी की दिक्कत को भी कम किया जा सकेगा।
और भी पढ़े: जीता वही, जो डरा नहीं
ThinkRight.me, आपका इमोशनल फिटनेस एप, अब जिसे आप डाउनलोड भी कर सकते है और फेसबुक पर भी हमारे साथ जुड़िए।