हर रात के बाद सवेरा होता है यानी कि एक बुरे दिन के बाद एक अच्छा समय भी आपका इंतज़ार करता है। लेकिन अक्सर लोग यह समझ नहीं पाते और हमेशा ही उदासी के अंधकार में डूबे रहते हैं। अगर जीवन की परेशानियों से खुद को सावधान करना है, तो कुछ सरल उपाय है, जो करनी चाहिए।
गलतियों से सीखना
अगर गलतियां नहीं करते हैं, तो कभी नहीं सीखेंगे कि जीवन में आने वाली परेशानियों से खुद कैसे सावधान रखें और उनसे कैसे बचा जा सकता है। इसलिये समझदारी इसी में है कि गलतियां करने के बाद उससे सीखो या दूसरों की गलतियों सीखकर खुद को मुश्किलों से बचाएं।
खुद से झूठ न बोलना
जो है या हो रहा है उसे स्वीकार करें। क्योंकि हालात से मुंह मोड़ने से केवल कुछ देर के लिए छुटकारा मिल सकता है, लेकिन बाद में शायद ज़िंदगी भर के लिए ये तकलीफों का ढ़ेर बनकर रह जाएगा। खुद को झूठा दिलासा न दें, बल्कि हालात, मुश्किलों या परेशानियों का सामना करना सीखें। झूठ बोलने से बातें और परिस्थितियां कभी-कभार जटिल हो जाती है जबकि सच बोलने से चीजें सरल रहती है। कई बार बातें इतनी जटिल हो जाती है की खुद को ही प्रभावित करने लगती है। इससे मानसिक तनाव होता है। इसलिये जितना हो सके, खुद से झूठ बोलने से बचना चाहिए।
अच्छा/पॉज़िटिव सोचना
जीवन में हालात चाहे जैसे हो, लेकिन इतने से भी अगर व्यक्ति संतुष्ट नहीं हो रहा है, तो बुरे समय में भी पॉज़िटिव सोच लाने की कोशिश करें। सोचे कि यह बुरा समय आपके लिए क्या लाया है। बुरा समय केवल बुरी बातें या बुरी यादें नहीं, बल्कि अपने साथ एक अच्छी यादें और संदेश भी लाता है। जो जीवन जीने के ढंग को बेहतर करता है।
सेहत को नज़रअंदाज़ न करना
खाना-पीना छोड़ने से या फिर खुद की सेहत पर ध्यान न देने से परेशानियां चली नहीं जाएगी। बल्कि व्यक्ति के जीवन में मुश्किलें बढ़ाएंगी। जब व्यक्ति स्वस् रहता है, तो उसमें सोचने और समझने की शक्ति होती है। इससे उसमें मुश्किलों या परेशानियों को दूर करने की क्षमता बढ़ती है। इसलिए ऐसा कहते हैं कि बिना स्वास्थ्य के जीवन, जीवन नहीं होता है, बल्कि यह दुखों और आलस्य की खान होती है। फिर क्यों अस्वस्थ होकर अपनी परेशानी बढ़ाएं।
आत्मनिर्भरता
दूसरों पर निर्भर मत रहो क्योंकि दूसरा व्यक्ति हमेशा आपके साथ नहीं रह सकता। लेकिन एक बात हमेशा याद रखें कि जिसने बुरे समय में साथ दिया उन्हें न भूले, बल्कि समय आने पर उनके साथ खड़े रहें। यह सोचकर संतुष्ट हो जाएं कि अकेले आप नहीं हैं जिसके जीवन में मुश्किलें है या फिर ने वाली है और अपने दिल को तसल्ली देते हुए आगे बढ़ जाएं और कहें ‘आज का दिन बुरा था तो क्या हुआ, कल फिर अच्छा होगा’।
हर किसी का जीवन परफेक्ट नहीं होता। उतार-चढ़ाव तो जीवन की किताब का एक ऐसा हिस्सा है जो उसके पन्नों के बढ़ते रहने की निशानी है। अगर सब कुछ अच्छा ही होगा तो फिर इंसान क्या सीखेगा? मुश्किलें और परेशानियां ही जीवन के कई सारे पाठ पढ़ाती है।
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