जो इंसान जीवन में आगे बढ़ना चाहता है, सफलता की नई मंज़िलों को छूना चाहता है, उसे अपनी निर्णय क्षमता मज़बूत बनानी होगी। मतलब यह है कि हर इंसान को जीवन में सही निर्णय लने की कला सीखनी चाहिए, क्योंकि आपकी ओर से लिए गए निर्णयों पर आपका वर्तमान और भविष्य दोनों निर्भर है। यह सच है कि सही और सौ प्रतिशत सफलता की हामी देने वाला निर्णय चुटकी बजाकर नहीं लिया जाता। जब हम कुछ बातें लगातार करते रहते हैं, तब सही निर्णय लेने की हमारी योग्यता खुद ही बढ़ती जाती है।
आइए, जानते हैं उन ज़रूरी बातों को जिनके सहारे हम निर्णय लेने की कला में माहिर बन सकते हैं-
अपने लक्ष्य को जाने
कुछ निर्णय लेते समय व्यक्ति के सामने दो या उससे भी ज़्यादा विकल्प मौजूद होते हैं। ऐसे में कौन सा चुनाव करें, यह उसे समझ में नहीं आता। इस दुविधा से बाहर निकलने के लिए मौजूद विकल्पों के सभी पॉज़िटिव और नकारात्मक पहलू देखें। उसके बाद कौन सा चुनाव बेहतर होगा, इसके बारे में सोचें। अगर अपनी पसंद के क्षेत्र में करियर बनाना है, तो वहां भी कई तरह के विकल्प होते हैं। जैसे, अगर किसी व्यक्ति को संगीत क्षेत्र में नाम कमाना है,तो वह गाता भी है और कोई वाद्य भी सुंदरता से बजाता है। ऐसे में उसे गायक बनना है या वादक या दोनों का मेल साधना है, यह निर्णय लेना पड़ेगा।
हां या ना में अटल रहें
सही निर्णय लेते समय दो बातें बहुत ज़रूरी होती है, वह यह कि कुछ निर्णय लोगों के दृष्टिकोण से सही हो सकते हैं मगर आप उन्हें गलत मानते होंगे। या कुछ निर्णय लोगों को गलत लग सकते हैं मगर आपको वह सही लगते हैं। ऐसे समय पर अपने निर्णय पर अटल रहना सीखें। जैसे, किसी बड़ी कंपनी का मैनेजर अपना पद त्यागकर पूरा समय सामाजिक सेवा में देना चाहता है। अपना पद त्यागने का यह निर्णय सुनकर उसके आसपास के लोग नाराज़ होते हैं और उसे अपने निर्णय पर फिर से सोचने की सलाह देते हैं। उस समय मैनेजर को अपने सामाजिक कार्य की हां पर डटे रहना होगा, तब जाकर वह अपना मकसद पूरा कर पाएगा।

अपनी काबिलयित और ज़रूरतों को पहचाने
सही निर्णय लेने के लिए आपको अपनी योग्यता पहचाननी होगी। आपकी ताकत और कमजोरी के बारे में सोचें। अगर आपने अपनी ज़रूरतों को नहीं पहचाना तो लक्ष्य प्राप्त करते समय आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जैसे, ऊपर बताएं एक उदाहरण में एक व्यक्ति ने गायन का क्षेत्र ही करियर के तौर पर चुना। लेकिन अगर उसका गला हर तरह का गाना गाने के लिए तैयार नहीं होगा, तो आगे बढ़ते समय उसे दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा इसलिए निर्णय लेने के लिए अपनी क्षमता पहचानें।
ज़िम्मेदारी लेना सीखें
सही निर्णय लेने के लिए ज़िम्मेदारी लेना भी ज़रूरी है। जिससे व्यक्ति अपने कर्तव्यों के प्रति सजग हो जाता है। जिससे काम में टालमटोल करना, काम के प्रति लापरवाह होना, ऐसी नकारात्मक चीज़ों के लिए जगह ही नहीं बचती।
छोटी – छोटी बातों पर ध्यान दें
जब पहली बार कोई खाना बनाता है, तो यह नहीं सोचता कि उसे सभी तरह का खाना बनाना आना ही चाहिए, क्योंकि यह मुमकिन नहीं हो सकता। ठीक इसी तरह जीवन में किसी चीज़ को सीखने के लिए छोटी- छोटी बातों से शुरुआत करनी चाहिए। इसी तरह से छोटे- छोटे फैसले लेने के आदत से सही और बड़े निर्णय लेने में मदद होगी।
खुद को समय दें
अगर किसी कारण आप गुस्सा, तनाव या परेशान है, तो उस समय खुद को समय दें। आसपास टहलें या 10 मिनट की झपकी लें। कुछ मिनट तक गहरी सांस लें या योग करें। कुछ भी करें जो आपके मन को शांत करें और निर्णय लेने में मदद करें। जब ऐसा करेंगे, तो तनाव मुक्त होकर निर्णय लेने में आसानी होगी।
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