ऐसा अक्सर होता है, जब आप ऑफिस में एक साथ कई काम कर रहे होते हैं। जैसे एक प्रेज़ेंटेशन पर काम करते हुये अचानक क्लाइंट कॉल पर चले जाना, साथ ही बॉस के ई-मेल को पढ़के रिप्लाई कर देना बिल्कुल आम बात है।
ऐसे ही घर संभाल रही महिलायें भी टीवी देखते-देखते साफ-सफाई कर रही हैं, बीच में कपड़ो धुलने याद आ गये, तो इतने में बच्चे ने होमवर्क के किसी सवाल को हल करने के लिये बुला लिया। एक ही समय में इतने सारे काम करना ही मल्टीटास्किंग कहलाता है।
वैसे आपको बता दें कि मल्टीटास्किंग से आपकी काम करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है क्योंकि आपका दिमाग एक समय में सिर्फ एक ही चीज़ पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। जब आप एक साथ दो काम करने की कोशिश करते हैं, तो आपके दिमाग में दोनों कामों को सफलतापूर्वक करने की क्षमता में कमी आ जाती है।
नई स्टडीज़ बताती हैं कि मल्टीटास्किंग आपके ब्रेन पर असर पड़ सकता है, जानिये कैसे-
आईक्यू लेवल में कमी
कई रिसर्च बताती हैं कि मल्टीटास्किंग दिमाग को स्लोडाउन करने के साथ-साथ आईक्यू को भी कम करती है। यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन ने रिसर्च में पाया कि जब लोग एक साथ दो से तीन काम एक साथ करते है, तो उनका आईक्यू स्कोर रात को जागें लोगों के बराबर होता हैं। ऐसे कई लोगों के आईक्यू स्कोर 15 प्वॉइंट्स नीचे तक गिर जाते हैं, जो कि आठ साल के बच्चे की औसत सीमा के बराबर होते हैं।
दिमाग को पहुंचाता है नुकसान
यूके यूनिवर्सिटी के रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग एक साथ कई उपकरणों पर एक साथ काम करते है, उनके एमआरआई स्कैन में दूसरों के मुकाबले कम ब्रेन डेंसिटी पाई गई हैं। दिमाग का यह भाग सहानुभूति के साथ-साथ भावनाओं को कंट्रोल करता है।
सीखने में होती है परेशानी
एक साथ कई काम करने से काम में गिरावट तो आती ही हैं, साथ में एकाग्रता में कमी, ध्यान न दे पाना जैसी कई परेशानियों से भी दोचार होना पड़ता है।
मल्टीटास्किंग को लेकर करें सोच सही
– एक समय में एक ही काम को पूरा करने की कोशिश करें।
– खाना खाते समय या राह चलते समय मोबाइल या लैपटॉप न देखें।
– खाना बनाते समय फोन पर बात करने से बचें।
– पढ़ाई करते समय गाना सुनने की आदत छोड़ें।
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