खुशी का मौका हो और डांस न किया जाए, ये कैसे हो सकता है? डांस करना आए या न आए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जहां संगीत बजा, वहां पांव अपने आप थिरकने लगते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि नाचते हुए, आप अपनी सेहत में सुधार कर सकते हैं। नाचते समय शरीर के हर हिस्से का उपयोग होता है और इसलिए ये कसरत करने का बहुत अच्छा तरीका भी है।
असल में डांस की बदौलत आप न सिर्फ मुड बेहतर होता है, बल्कि फिट भी रह सकते हैं।
वज़न कम
डांस एक बहुत अच्छा एरोबिक और कार्डियो एक्सरसाइज़ है। इससे पूरे शरीर की कसरत होने के साथ काफी कैलोरीज़ भी कम होती है। शरीर में लचीलापन आता है साथ ही मांसपेशियों की ताकत भी बढ़ती है। बॉलरुम, बेली,हिप-हॉप या फिर भारतीय डांस आदि कई अलग-अलग प्रकार के डांस है जिससे वज़न घटाने में मदद मिलती है। डांस की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे किसी भी उम्र के लोग आसानी से कर सकते हैं।
दिल रखें स्वस्थ
डांस हमारे दिल के लिए बहुत अच्छा है। डांस करने से शरीर के खून तेज़ी से फ्लो करते हैं जो दिल के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यही नहीं, डांस करने से रक्तचाप और साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित आसानी से किया जा सकता है।
दिमाग को मिलती है चुनौती
डांस के मूवमेंट के साथ ही पैटर्न को याद रखना यानी ब्रेन को चुनौती देना है। डांस के दौरान ज़्यादा ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। जो लोग डांस करते हैं उनमें ध्यान केंद्रित करने की अच्छी क्षमता होती है। इससे एक तरह से दिमागी कसरत भी होती है। कुछ अध्ययनों के अनुसार यह पता चला है कि दिमाग के उस हिस्से को नुकसान से बचाती है, जो याद्दाश्त और कौशल को नियंत्रित करता है।
भावनाओं और मूड को बेहतर बनाएं
अपनी भावनाओं को जाहिर करने के लिए डांस बहुत अच्छा तरीका है। डांस के दौरान व्यक्ति खुद को हल्का महसूस करता है। साथ ही उसके अंदर सकारात्मक ऊर्जा आती है। ऊर्जावान बनने के लिए डांस करना फायदेमंद होता है। पॉज़िटिव ऊर्जा का संचार कर डिप्रेशन जैसी बीमारी को दूर करने में मदद मिलता है।
अब सुबह-सुबह पार्क में जॉगिंग या जिम जाने की ज़रूरत नहीं है। सिर्फ घर में ही फिटनेस पाइये क्योंकि रोजाना डांस करने से भी शरीर को फिट बनाए रखा जा सकता है।
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