किसी भी देश का झंडा उसकी पहचान होता है और आज हम बात करने जा रहे हैं, भारतीय तिरंगे की। हमारे देश का झंडा न सिर्फ एकता का प्रतीक है, बल्कि ये हमारा गौरव, हमारी शान है, हमारी पहचान है और बात जब पहचान की हो। आज हम आपको भारतीय तिरंगे से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
खास संस्थान ही बनाता है झंडा
कर्नाटक के धरवाद ज़िले में हुबली शहर के पास बेंगरी गांव में स्थित कर्नाटक खादी ग्राम उद्योग सम्युक्ता संघ (केकेजीएसएस) देश के तिरंगे बनाने और सप्लाई करने की एकमात्र संस्था है। इस संघ को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) ने भारतीय झंडे को बनाने की अनुमति दी है। बीआईएस वह अथॉरिटी है, जो यह सुनिश्चित करती है कि झंडे कुछ तय किये गये मानको के हिसाब से बनें और उनका इस्तेमाल भी सही से हो। इन स्टैंडर्ड्स को 1968 में तय किया गया था और इन्हें साल 2008 में अपडेट भी किया गया।
क्या कहता है फ्लैग कोड?
फ्लैग कोड 2002 के अनुसार, फहराये जाने वाले झंडे को केवल खादी या हाथ से बनाये गये कपड़े (कॉटन, सिल्क, वूल) से ही बनाया जा सकता है और ऐसा न करना एक जुर्म है। इसमें फाइन के अलावा 3 साल तक की जेल भी हो सकती है।
यह इस बात को भी सुनिश्चित करता है कि झंडे के रंग, आकार, थ्रेड काउंट में कोई फर्क न हो। अगर ऐसा होता है, तो उसे एक गंभीर अपराध माना जाता है। इसके तहत फाइन, कारावास या फिर दोनों की सज़ा हो सकती है।
सभी जगह उपलब्ध कराया जाता है झंडा
कर्नाटक खादी ग्राम उद्योग सम्युक्ता संघ (केकेजीएसएस) लाल किले और इंडिया गेट से लेकर सभी सरकारी बिल्डिंग्स, आर्मी, नेवी, एयर फोर्स, दुनियाभर में भारतीय एम्बेसीज़, भारतीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित सभी मंत्रियों की गाड़ी पर और सभी सरकारी दफ्तरों के मेज़ पर रखें तिरंगे सप्लाई करता है।
झंडा बनाने के स्टेप
– हैंड स्पिनिंग
– हैंड वीविंग
– ब्लीचिंग और डाइंग
– चक्र प्रिंटिंग
– स्टिचिंग और टॉगलिंग
तिरंगे के हैं अलग-अलग साइज़
भारतीय तिरंगा नौ साइज़ में बनाया जाता है। सबसे बड़ा झंडा ग्वालियर फोर्ट, कोहलापुर रायगढ़ फोर्ट और नलगोंडा फोर्ट पर फहराया जाता है। लालकिले पर 12*8 फीट का, पार्लियामेंट और स्टेट असेंबली बिल्डिंग्स पर 9*6 फीट का झंडा फहराया जाता है।
रखें सोच सही
– तिरंगे का सम्मान करें।
– उसे नीचे न गिरने दें।
– जब मौका मिले खादीग्राम उद्योग के सेंटर जाकर झंडे बनाने की प्रक्रिया ज़रूर देखें, यकीन मानिये आपको बेहद गर्व महसूस होगा।
इमेज : इंडिया टाइम्स
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