बुढ़ापे में जब बेटे ने मां को अकेले छोड़ दिया, तब चेन्नई पुलिस ने न सिर्फ उस बूढ़ी महिला अनुशया को काम दिया बल्कि उसके लिए कुछ ऐसा किया कि अनुशया हमेशा अपने जन्मदिन को याद रखेगी। पुलिस का यह काम वाकई में काबिल-ए-तारीफ है।
एक वह समय था
आज से आठ महीने पहले चेन्नई के पाज़हेवंथंगल में पुलिस स्टेशन के बाहर पुलिस को एक बुज़ुर्ग महिला रोते हुए मिली। उस महिला के पति की कुछ सालों पहले मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद एक दिन बेटे ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। अनुशया के पास रहने का कोई ठिकाना नहीं था और न ही कोई काम था, साथ ही उसके मन में हज़ारों सवाल घूम रहे थे, जिसका उसके पास कोई जवाब नहीं था। उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि वह कहां जाए और इन्हीं सवालों में उलझी, वह पुलिस स्टेशन जा पहुंची। उसे नहीं पता था कि वह वहां क्यों गई, क्योंकि उसे अपने बेटे के खिलाफ शिकायत भी दर्ज नहीं करानी थी। बुज़ुर्ग महिला को इस हालत में देखकर पुलिस वालों ने उसे पुलिस स्टेशन की साफ-सफाई और दूसरे छोटे-मोटे काम के लिए नौकरी पर रख लिया।
एक आज का दिन है
अनुशया हर दिन सुबह ठीक सात बजे पुलिस स्टेशन पहुंच जाती है और वहां की साफ-सफाई करती है। इसके बाद वह रंगोली बनाती है, पानी की बोतलें भर के रख देती है और बाहर रखे पौधों को पानी देती है। काम के बाद पुलिस वाले उसके लिए नाश्ता मंगवाते हैं और वह वापस घर चली जाती है। घर से वह दोपहर और शाम को वापस पुलिस स्टेशन आती है, जहां थोड़ी साफ-सफाई करती है और फिर खाना खाती है।
खास बना इस साल जन्मदिन
हर रोज़ की तरह वह 26 नवंबर को भी पुलिस स्टेशन आई और सभी लोगों को टॉफी बांटने लगी, तब सबको पता चला कि उस रोज़ उसका जन्मदिन था। पुलिस इंस्पेक्टर जी. वेंकटेसन ने साथियों के साथ मिलकर अनुशया को सरप्राइज़ देने का सोचा। जब वह दोबारा स्टेशन आई, तो सब ने मिलकर उसके लिए जन्मदिन का गाना गाया और केक कटवाया। अनुशया इस भाव से काफी इमोशनल हो गई। जीवन में पहली बार किसी ने उसका जन्मदिन मनाया था।
उम्र के जिस पड़ाव पर उसके अपने बेटे ने छोड़ दिया था, उसे गिफ्ट में एक साथ न जाने कितने सारे बेटे-बेटियां मिल गए हैं।
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