आजकल पढ़ाई में प्रतिस्पर्धा दिनों दिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में बच्चों के साथ ही पैरेंट्स का भी स्ट्रेस बढ़ गया है। हर कोई चाहता है कि उसका बच्चा क्लास में फर्स्ट आए, इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन इस बात के लिए बच्चों पर दबाव डालना ठीक नहीं है। क्योंकि इससे परीक्षा के दौरान बच्चे तनावग्रस्त हो जाते हैं। बच्चों को परीक्षा के तनाव से बचाने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
बच्चे के स्कोरकार्ड में जब सारे सबजेक्ट्स में फुल मार्क्स आते हैं, तो यकीनन देखकर हर पैरैंट्स का सीना गर्व से चौड़ा होता है, लेकिन हर बच्चे की पढ़ने और याद करने की क्षमता एक सी नहीं होती और न ही एग्ज़ाम में मिले मार्क्स से आप उसकी स्किल और नॉलेज को जज कर सकते हैं। इसलिए उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित जरूर करें, मगर दूसरों से तुलना करके उन्हें स्ट्रेस मत दीजिए।
अपने तनाव से बच्चे को दूर रखें
जैसे ही एग्ज़ाम की तारीख नज़दीक आती है, तो बच्चे से ज़्यादा उसके पैरेंट्स परेशान हो जाते हैं, जबकि इस दौरान आपको बच्चे को शांत रखने की कोशिश करनी चाहिए ताकि वह पढ़ाई पर फोकस कर सकें। यदि आप तनाव में हैं, तब भी बच्चे के सामने इसे जाहिर न करें।
नींद है ज़रूरी
परीक्षा के दौरान बच्चों की नींद पूरी होनी जरूरी है क्योंकि जब वह रात को चैन से सोएगा तभी उसके नर्वस सिस्टम शांत रहेंगे और सुबह वह बिल्कुल फ्रेश मूड में पढ़ाई करेगा।
रिश्वत देने की गलती न करें
‘अगर तुम्हारे 100 प्रतिशत मार्क्स आएंगे, तो मैं तुम्हें साइकिल या मोबाइल लाकर दूंगा’, भूलकर भी बच्चे को इस तरह की रिश्वत ऑफर न करें। हां, एग्ज़ाम के बाद आप उन्हें डिनर या मूवी डेट पर ले जाने का प्रॉमिस कर सकते हैं। इससे उनका मूड फ्रेश हो जाएग और तनाव भी कम होगा।
बच्चे की बात सुनें
एग्ज़ाम के दौरान बच्चों के दिमाग में कई तरह के सवाल और उलझनें होती हैं। वह चाहते हैं कि कोई बिना जज किए उनकी बात सुनें, इसलिए बच्चे के पास बैठकर ध्यान से उनकी बात सुनें और किसी बात के लिए उन्हें ब्लेम न करें। यदि पिछले एग्ज़ाम में कुछ गलत किया है, तो उसे लेकर डांटने की बजाय आगे की परीक्षा के लिए प्रोत्साहित कीजिए। आपका सहयोग उनके लिए बहुत मायने रखता है।
बैलेंस डाइट
एग्ज़ाम के दौरान स्ट्रेस का बच्चों की सेहत पर गलत असर न हो, इसके लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार ज़रूरी है। ड्राई फ्रूट्स और दूध बच्चों को जरूर दें, क्योंकि सही पोषण से ही उन्हें एनर्जी मिलेगी।
डांटे नहीं
यदि बच्चा बिस्तर ठीक करना, प्लेट उठाकर सिंक में डालना, कपड़ों को जगह पर नहीं रखना जैसे कुछ काम नहीं कर रहा है, तो कोई बात नहीं इसके लिए उनसे न तो बहसबाजी करें और न ही डांटे। क्योंकि इससे उनका तनाव और बढ़ सकता है।
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