हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। चाहे वह पर्सनल हो, प्रोफेशनल या सोशल। ये उतार-चढ़ाव ही रिश्ते को परखते हैं। कई बार चीज़ें ठीक नहीं रहती और हमारा रिश्ता बिगड़ जाता है, ऐसे में अगली बार जब रिश्तों में कोई समस्या आए, तो हमें अपने पुराने अनुभव से सबक लेने की ज़रूरत है।
आत्मनिरीक्षण करें
यदि इंसान जीवन में दोस्त नहीं खोता है, तो वह आगे नहीं बढ़ता है। यदि कोई रिश्ता ठीक नहीं चल रहा है, तो इसका मतलब है कि आपके विचार अलग है और आपका नज़रिया नया है जिसकी वजह से रिश्ते में समस्या आने लगी है। ऐसे में इन बदलावों को स्वीकार करके उसके हिसाब से एडजस्ट होने की कोशिश करें। याद रखिए आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए मानसिक शांति क्योंकि यही सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।
दुख हमेशा नहीं रहता
आपके साथी ने आपको छोड़ा दिया। माना कि यह दिल दुखाने वाला होता है और आपको इससे दुख से उबरने में कई दिन या हफ्ते लग सकते हैं, लेकिन इससे ज़्यादा समय न लें। जीवन में किसी का आना और जाना टेंपररी होती है और आप बात जितनी जल्दी समझ जाएंगे, उतना ही अच्छा होगा। जिस तरह आंधी हमेशा के लिए नहीं होती, लेकिन सूरज तो हमेशा चमकता है, उसी तरह आप भी सूरज बनें, ताकि अपनी और दूसरों की ज़िंदगी को रौशन कर सकें।
अलग रहना
जिसके साथ आपके रिश्ते ठीक नहीं है उससे हमेशा के लिए अलग रहने की बात ठीक नहीं है। कुछ देर के लिए आप उससे खुद को दूर कर सकते हैं या कुछ दिनों का ब्रेक ले सकते हैं रिश्ते से, लेकिन इसे तोड़ने से बेहतर है कि आप अपनी ज़िंदगी में उस रिश्ते की अहमियत बदल लें। यदि फिर भी बात न बनें, तो गुडबाय बोलकर मुस्कुराते हुए अपने रास्ते अलग कर लें।
निगेटिविटी और ईर्ष्या से दूर रहें
यह कहना जितना आसान है करना उतना ही मुश्किल। अपनी भावनाओं पर काबू करना बहुत मुश्किल होता है, खासतौर पर किसी क्लोज़ रिलेशन की वजह से यदि दिल दुखा हो तो। मगर इन हालातों में खुद को निगेटिविटी से दूर रखना ज़रूरी है, इसलिए आगे क्या होगा या क्या हो सकता था के बारे में मत सोचिए। वर्तमान में जिएं। जितनी जल्दी आप वर्तमान में जीना सीख जाएंगे आपके लिए बेहतर होगा।
कोई परफेक्ट नहीं होता
एक बाद याद रखिए कि दुनिया में कोई भी इंसान 100% सही या गलत नहीं होता। गलतियां, कमी और अहंकार दोनों तरफ से होता है। यदि रिश्ते में सब कुछ ठीक नहीं है, तो इसके लिए किसी एक की गलती नहीं होती, बल्कि गलती दोनों तरफ से होती है। ऐसे में अपनी कमियों और गलतियों को स्वीकार करें, लेकिन रिश्ता बिगड़ने के लिए पूरी तरह से खुद को ज़िम्मेदार ठहराने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि ताली एक हाथ से नहीं बजती।
उम्मीद है कि आप भी अपने पुराने रिश्ते से कुछ सबक लेते हुए आगे फिर वही गलती नहीं दोहराएंगे।
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