कहते हैं कि अगर घर में शांति, सेहत, मानसिक संतोष और आसपी मेलजोल और प्रेम आदि यह सबकुछ परिवार में हैं, तो सही मायने में खुशहाल और शांतिमय पारिवारिक जीवन जीना आसान हो जाता है। इसका असर प्रोफेशनल ज़िंदगी पर भी पड़ता है क्योंकि शांत मन से काम करना आसान हो जाता है।
शांतिपूर्ण पारिवारिक जीवन जीने के लिए कुछ ऐसे ही 5 तरीके हैं, जिन्हें हम अपने जीवन में आसानी से सकते हैं-
अपूर्णता को स्वीकारना
जब हम परिवार के हर सदस्य की कमी को दिल से स्वीकार करते हैं, तो एक-दूसरे को समझना और भी आसान हो जाता है। जब हम अपनों की गलतियों और खामियों पर खुद को कोसते हैं, तो हम अधिक दर्द, डर और तनाव को जन्म देते हैं। वही अगर हम सभी गलतियों और खामियों स्वीकार करते हैं और उन्हें दूर करने के बारे में सोचते है, तो हम अपने अंदर सहजता और सक्षम महसूस करते हैं।
एक दूसरे से बात करना
परिवार का अर्थ कई लोग और रिश्ते। बिना किसी से बात के हर कोई अनजान है। इसलिए रिश्ता कोई भी हो उसमें बात करने की गुंजाइश हमेशा बनी रहनी चाहिए। अपनी हर परेशानी को अपने साथी या अन्य सदस्यों के साथ जरूर शेयर करे। बातें शेयर करने से रिश्ते में विश्वास के साथ प्यार भी बढ़ता है।
केवल कहें नहीं, सुने भी
आज जो स्थिति है उसमें सभी काम घर से हो रहा है, फिर स्कूल ही क्यों न हो। ऐसे में सभी अपने- अपने कामों में इतना बिज़ी है कि बाकी कुछ सुनाई ही नहीं देता। जैसे हम काम कर रहे है और बच्चा कुछ कहता है, लेकिन हम केवल सिर हिला देते है, लेकिन उन पर ध्यान नहीं देते। अपनों की बात जिज्ञासा से सुनने से, हम गलतफहमी की संभावना को कम करते हैं और परिवारिक रिश्तों को ज़्यादा विश्वास और विकास के अवसर को बढ़ाते हैं।
खुद को और दूसरों को माफ करे
हर परिवार में ऐसा समय आता है, जब थोड़ा बहुत अनबन हो जाती है। लेकिन हम अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि माफ करने वाला सबसे बड़ा होता है। यही नियम हर रिश्ते पर भी लागू होता है, माफी मांगना और देना दोनों सीखें। गलती सब करते हैं इसलिए माफी मांगते समय बिल्कुल ना हिचकिचाएं, क्योंकि एक दूसरे की गलती को सुधारना और उन्हें माफ करने से ही आधे से ज़्यादा समस्या वही हल हो जाती है।
करूणा, दया और उदारता
परिवार में अगर उदारता का भाव पनपता है, तो यह परिवार के आपसी समझ को मज़बूत बनाता है। वैसे भी उदारता और करुणा व्यक्त करने के कई अलग-अलग तरीके हैं। यही छोटे या बड़े काम परिवार प्रणाली, हमारी संस्कृति और दुनिया के अंदर मानवता को बरकरार रखता है। इस मानवता की शुरुआत भी परिवार में शुरू होता है।
परिवार में हो थोड़ा हंसी, मजाक या खेल का माहौल
अक्सर हम सोशल मीडिया और अन्य कामों से ब्रेक नहीं लेते हैं और परिवार के साथ एक अच्छा समय गंवा देते हैं। हफ्ते में कम से कम एक बार वीकेंड पर साथ मिलजुल कर काम करने का प्लान जरूर बनाएं। साथ घूमने-फिरने से, बच्चों के साथ खेलने से, हंसी मजाक करने से, एक साथ खाना पकाने का कार्यक्रम रखने से आदि छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से हम एक पारिवारिक यादें बनाते हैं, जो ज़िंदगीभर हमारे साथ रहती है और एक-दूसरे की अहमियत समझाती है।
परिवार में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान और समझ, यही परिवार में आनंद और शांति को बरकरार रखती है।
और भी पढ़िये : अपने हुनर को कम समझने से कैसे रोके, जानिए 5 उपाय
अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर भी जुड़िये।