पहली बार मां बनने का एहसास महिलाओं के लिए तो बहुत रोमांचक और खुशनुमा होता ही है, पिता के लिए भी यह बहुत खास होता है। लेकिन अधिकांश पुरुष समझ ही नहीं पाते कि आने वाले नन्हें मेहमान की देखभाल के लिए उन्हें खुद को किस तरह तैयार करना है। पति से पिता बनने पर पुरुषों की ज़िम्मेदारी और भूमिका एकदम से बदल जाती है, ऐसे में उन्हें इस बदलाव के लिए और अपने आने वाले बच्चे के स्वागत के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।
पत्नी को समय दें
बच्चे के जन्म के बाद पति-पत्नी दोनों की भूमिका बदल जाती है और कुछ महीनों तक वह एक-दूसरे को बिल्कुल समय नहीं दे पाते। इसलिए बच्चे के आने की खुशी दोनों साथ में मनाएं और पति को चाहिए कि वह पत्नी के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताएं और उन्हें एहसास दिलाएं कि वह भी पिता बनने को लेकर बहुत उत्सुक हैं।
घर के काम में हाथ बंटाना
अमूमन भारतीय घरों में कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो घर का काम महिलाओं के जिम्मे ही होता है, क्योंकि पुरुषों को लगता है किचन उनकी ज़िम्मेदारी नहीं है। लेकिन आप इस सोच को बदलिए और घर के काम में पत्नी की मदद करिए इससे न सिर्फ उनका बोझ हल्का होगा, बल्कि वह खुश भी रहेंगी और आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा। बच्चे के आने के बाद जब पत्नी उसे संभालने में व्यस्त रहेगी तो आप घर के दूसरे काम करके उनकी मदद कर पाएंगे, इसके लिए आदत तो अभी से डालनी होगी न।

पैरेंटिंग से जुड़ी किताबें/ चीज़ें पढ़ें
प्रेग्नेंसी में महिलाएं शिशु की देखभाल से लेकर पैरेंटिंग से जुड़ी ढेर सारी चीज़ें पढ़ती हैं और इंटरनेट पर रिसर्च करती हैं, जबकि आमतौर पर पुरुष ऐसा नहीं करते हैं। यदि आप पिता बनने की ज़िम्मेदारी सही तरीके से निभाना चाहते हैं तो आपको भी बच्चों की देखभाल से जुड़ी बुनियादी चीज़ों के बारे में थोड़ा-बहुत पढ़ना चाहिए ताकि बाद में बच्चे को संभालने में दिक्कत न आए।
रूटीन चेकअप में जाएं पत्नी के साथ
नियमित चेकअप या अल्ट्रासाउंड करवाने के दौरान आप पत्नी के साथ खड़े रहें। इससे पत्नी का हौसला तो बढ़ेगा ही साथ ही आपका अपने अजन्मे बच्चे से रिश्ता भी मज़बूत होगा और उसे देखने की उत्सुकता और बढ़ जाएगी। प्रेग्नेंसी में आप जितना अधिक शामिल रहेंगे बच्चे के जन्म के बाद बदले माहौल और भूमिका में खुद को उतनी ही आसानी से एडजस्ट कर पाएंगे।
दूसरे पैरेंट्स के साथ समय बिताएं
पहली बार पिता बनने वाले अधिकांश पुरुष थोड़े कन्फ्यूज़ और डरे हुए भी रहते हैं कि पता नहीं बच्चे के बाद उनकी ज़िंदगी कैसी होने वाली है, कैसे वह बच्चे को संभालेंगे आदि? इन सारे डर और कन्फ्यूज़न को दूर करने के लिए आप दूसरे पैरेंट्स (पिता) से मिलें और उनसे बात करें। उनकी सलाह आपके बहुत काम आएगी। जब आप उन्हें उनके बच्चों के साथ देखेंगे तो आपको समझ आएगा कि अपने बच्चे की देखभाल आपको कैसे करनी है।
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