पॉज़िटिव सोच रखने से आपके तन और मन दोनो को फायदा मिलता है। कई वैज्ञानिक इस दिशा में लगातार अध्ययन करते रहे हैं और इसके प्रभाव को प्रदर्शित भी करते आए हैं। पॉज़िटिव सोच से आपके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी आती है, मनोदशा में सुधार आता है और तनाव कम होता है। पॉज़िटिव सोच में वाकई बहुत शक्ति होती हैं, लेकिन वह शक्ति होती क्या है? पॉज़िटिव सोच एक कल्पना की तरह होती है, जिसे आप अवधारणा भी मान सकते हैं, लेकिन इसका आपके जीवन पर गहरा असर पढ़ता है। अगर आप भी जीवन में पॉज़िटिव सोच अपनाना चाहते है, तो नीचे दी गई बातों पर ध्यान दें-
पॉज़िटिव कोट्स के साथ करें दिन की शुरुआत
आपका दिन जिस तरह से शुरु होता है, उसका असर आपकी दिनचर्या पर पड़ता है। कभी गौर किया है कि जब आप देर से सोकर उठते है, तो दिन सारा दिन ऐसे ही आलस और नेगेटिव तरीके से ही निकल जाता है। तो ज़रा सोचिए कि अगर आप सुबह उठते ही पॉज़िटिव कोट्स पढ़ें और शांति से दिन की शुरुआत करें, तो उसका प्रभाव आपके ऊपर कितना अच्छा पड़ेगा।
अच्छी चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करें
परफेक्ट दिन जैसी कोई चीज़ नहीं होती, इसे बनाना पड़ता है। जब भी आपको किसी चुनौती का सामना करना पड़े, तो अपना ध्यान हो रहे लाभ पर डाले, चाहे वह लाभ कितना भी छोटा क्यों न हो। जैसे, अगर आप ट्रैफिक में फंस गए हैं, तो गुस्सा होने की बजाय खुद से बात करें, बीते हुए कल का आंकलन करे या फिर आने वाले कल की योजना बनाएं। इतना ही नहीं अगर आप चाहें, तो समय का प्रयोग कुछ पॉज़िटिव विचार सुनकर भी कर सकते है।
विफलताओं को सबक के तौर पर लें
कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता। अगर आप कुछ नया करेंगे, तो स्वभाविक है कि कुछ गलती भी कर सकते है। ऐसे में मायूस होकर बैठने से बेहतर है कि उस गलती से सीख लें और आगे के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहे।
नेगेटिव सेल्फ टॉक को पॉज़िटिव सेल्फ टॉक में बदलें
अक्सर ऐसा होता है कि जब कोई व्यक्ति किसी काम में विफल होता है, तो वह अपने बारे में नेगेटिव सोचने लगता है। वह सोचता है कि उसे वो काम करने की कोशिश ही नहीं करनी चाहिए थी या फिर वह इस काम में कितना बुरा है। शुरुआत में तो यह विचार सामान्य लगते हैं लेकिन धीरे-धीरे यह आपकी आंतरिक भावनाओं में बदल जाते हैं और आपकी सोच को सीमित कर देते हैं। ऐसी स्थिति में खुद से पॉज़िटिव बातें करिए जैसे, अगर आपको एक और मौका मिल जाए, तो आप इस काम को बेहतर कर पाएंगे या फिर आप यह सोच सकते है कि इस बार आपकी योजना के अनुरूप परिणाम नहीं आया लेकिन अगली बार ज़रूर आएगा।
शक्ति आपके अंदर होती हैं, लेकिन उसे किस दिशा में लेकर जाना है, यह आपके हाथ में है।
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