इस दुनिया में इंसान हो या जानवर हर किसी को प्यार की जरूरत होती है। किसी को अच्छी केयर मिल जाये, तो उसकी ज़िंदगी बदल सकती है और अगर यही प्यार और केयर किसी बेसहारा जानवर को मिल जाए, तो उन्हें भी सुकून मिलता हैं। इस दुनिया में कई ऐसे लोग हैं, जो न सिर्फ़ इंसानों की मदद करते हैं, बल्कि जानवरों के प्रति उनका प्यार उससे भी ज्यादा होता है।
बेसहारा जानवरों से प्यार
स्ट्रीट जानवरों को भी प्यार और देखभाल की जरूरत हैं और यही प्यार और देखभाल अहमदाबाद के रहने वाले स्वप्निल सोनी कर रहे है। वह नियमित रूप से रोज़ाना 500 बंदरों को रोटी खिलाते है। बंदरों के प्रति प्रेमभाव रखने वाले स्वप्निल सोनी लगभग पिछले दस सालों से हर सोमवार बंदरों के लिए रोटियां बनाते हैं। स्वप्निल का इन बंदरों के प्रति ऐसा समर्पण देखकर शहर के लोगों ने उन्हें मंकी मैन नाम दिया है।
बंदरों से अनोखा रिश्ता
स्वप्निल के लिए रोज़ाना पांच सौ से ज्यादा बंदरों और लंगूरों को रोटी खिलाना आसान नहीं होता। इसके लिए वह हफ्ते में 1700 रोटियां बनवाते हैं। बंदरों के साथ उनका रिश्ता ऐसा अनोखा है कि वे उनकी गोद में बैठकर रोटियां खाते हैं। रोटियों के लिए बंदर कोई छीना झपटी नहीं करते बल्कि बकायदा लाइन लगाकर उनके पास आते हैं और अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं।
क्या है वजह?
दरअसल, स्वप्निल भगवान हनुमान के भक्त है, इसलिए पिछले दस सालों से बंदरों को लगातार खाना खिला रहे है। स्वप्निल कहते है कि बंदरों को लगता हैं कि मैं उनके परिवार का ही सदस्य हूं और मुझे भी ऐसा ही लगता है कि ये सब मेरा ही परिवार है।
सालों से चली आ रही स्वाप्निल और बंदरों की इस दोस्ती को पैसों की तंगी भी नहीं तोड़ पाई। जब उन्हें आर्थिक परेशानी हुई, तो उन्होंने बेटी के लिए जमा किए पैसे निकलवा लिए।
स्वाप्निल की सेवा में आस्था से ज्यादा इंसानियत जुड़ी है और उनका यह सेवाभाव और प्यार बंदरों के लिए काफी है।
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