अगर आप आज के बच्चों को देखेंगे, तो पाएंगे कि उनके खाने-पीने में जंक फूड ज्यादा हो गया है, खेलों की बात करें, तो उनके खेल सिर्फ इंडोर या मोबाइल, लैपटॉप तक सीमित रह गए है। इसका नतीजा यह होता है कि जंक फूड बच्चों के शरीर पर फैट जमा करता है और घर के अंदर ही रहने से उनमें इम्पेशेंस, मोटापा, डिप्रेशन जैसी मानसिक और शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होने लगती है। अगर आप अपने बच्चों को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो उनको आउटडोर गेम्स जैसे बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, बैंडमिंटन खेलने के लिए प्रेरित करें। अपने साथ टहलाने ले जाएं और उन्हें योगाभ्यास भी करवाएं।
बच्चों के लिए योग जरूरी
हमें बचपन से सिखाया जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग निवास करता है। इसलिए शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए योग एक बेहतर उपाय हो सकता है। स्कूलों में बढ़ते कम्पटीशन के साथ-साथ बच्चों को तमाम तरह की अतिरिक्त गतिविधियों में हिस्सा लेना पड़ता हैं। इसके साथ बच्चों को अपने माता-पिता और शिक्षकों की अपेक्षाओं पर भी खरा उतरना होता है। ऐसे में एक बच्चे के शरीर पर मानसिक और शारीरिक रूप से काफी तनाव रहता है, तो इससे बचने के लिए योग बेहद महत्वपूर्ण है।
क्यों जरूरी है योग?
योग के अनेक फायदों को देखते हुए अभिभावकों को अपने बच्चों में शुरु से ही योग करने की आदत डलवानी चाहिए। योग से बच्चे सक्रिय बनते हैं और उनका शरीर लचीला होता है। बच्चों का इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है, जिससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। योग से दिमाग का विकास सही रूप में होता है, साथ ही उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। जिन बच्चों को गुस्सा ज्यादा आता हैं, उनके लिए योग रामबाण से कम नहीं हैं। जिन बच्चों का विकास रूक गया है, उनको तो जरूर योग कराना चाहिए।
बच्चे कैसे करें योग?
-योगासन कराने से पहले ध्यान रखें कि बच्चा खाली पेट हो।
-बच्चे को हफ्ते में कम से कम पांच दिन योग करवाएं।
-योग का अभ्यास धीरे-धीरे करवाएं। जैसे शुरू के हफ्ते में 15 मिनट, दूसरे सप्ताह में इसका समय बढ़ाकर 30 मिनट कर दें।
-बच्चों को योग के दौरान बीच-बीच में रिलैक्स करवाने के लिए श्वासन जरूर करवाएं।
-योग के दौरान बच्चों को बोरियत न हो, इसके लिए आपको कोई लाइट म्यूजिक थीम चलानी चाहिए। इससे बच्चों का मन लगा रहेगा।
-आप भी बच्चों के साथ योगासन करें।
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इमेजः द इंडियन एक्सप्रेस