बोरियत को हमेशा निगेटिविटी से जोड़कर देखा जाता है, जो काम के लिए अच्छा नहीं माना जाता, लेकिन हम आपसे यदि कहें कि इसका पॉज़िटिव असर भी होता है यदि सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो? घर और ऑफिस में खुद को व्यस्त रखने के लिए ढेर सारी चीज़ें होती है, बावजूद इसके प्रोडक्टिव बने रहने के लिए बोरियत ज़रूरी है।
यहां जानिए कि आखिर क्यों बोरियत आपके लिए पॉज़िटिव हो सकती है।
क्रिएटिविटी बढ़ा सकती है
बोरियत का मूल कारण है जो काम आप कर रहे हैं उससे असंतुष्टि। जब आप काम से संतुष्ट नहीं हो पाते हैं तो आपका दिमाग इसे दूसरे तरीके से पानी की कोशिश करता है। यही कोशिश आपकी क्रिएटिविटी और समस्याओं के समाधान की क्षमता को बढ़ा देती है। अध्ययन बताते हैं कि बेहतरीन काम बोर होने के बाद ही किए जाते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है
एक मिनट का समय खुद के लिए निकालें और बिल्कुल खाली बैठे रहें, व्यस्त जीवनशैली से यह आपको कुछ पल की राहत देगा। कुछ पल बैठकर दिन में सपने देखना भी मन को शांत करता है। अपना स्क्रीन बंद कर दें, फोन की नोटिफिकेशन बंद करें और ऐसे ही बाकी काम जो आपको डिस्टर्ब करते हैं। ऐसा करके आप खुद को शांत करके अपने अंदर झांकते हैं जो बहुत ज़रूरी है।
सुकूनभरी नींद के लिए
जो व्यक्ति पूरे दिन व्यस्त और अशांत रहता है, ठीक से सो नहीं पाता। हम अगले दिन, सप्ताह और महीने में किए जाने वाले काम के बारे में सोचकर परेशान रहते हैं। लेकिन जब बोरियत महसूस होती है तो दिमाग के काम करने की क्षमता थोड़ी धीमी हो जाती है जिससे रात में आप आराम से सो पाते हैं। बिना कुछ सोचे भी क्या आपको नींद आने में समस्या होती है?
काम करने की प्रक्रिया में सुधार होता है
चाहे वह मानसिक हो या शारीरिक काम, यदि कोई व्यक्ति उस काम से बोर हो रहा है तो उसे ठीक तरह से नहीं कर पाएगा, लेकिन जब बोरियत कम करने के लिए ध्यान कहीं और लगाएगा और बाद में दोबारा वह काम शुरू करता है तो उसे पहले से बेहतर तरीके से कर पाता है। अपनी क्रिएटिविटी से उसमें कुछ नई चीज़ें जोड़ता है।
सही तरीके से बोर होने के कुछ उपाय
बोरियत की आपकी परिभाषा अलग-अलग हो सकती है, लेकिन इसे दूर करने के लिए आप सैर, तैराकी या बागवानी करने के अलावा कुछ देर के लिए आंखें बंद करके बैठ सकते हैं। बिना कुछ किए यूं बैठने का विचार आपको अजीब ज़रूर लग सकता है, लेकिन इस अवस्था में रहने पर आपका दिमाग खुद को व्यस्त करने का कोई और तरीका निकाल लेता है। जिससे सोचने का तरीका, प्रोडक्टिविटी और क्रिएटिविटी बढ़ती है।
तो अगली बार जब आप बोर हो रहे हो तो खुश होइए कि आपका दिमाग बिल्कुल स्वस्थ है और धीमा होकर वह न सिर्फ और क्रिएटिव बन रहा है, बल्कि आपको सुकून के कुछ पल भी मिलते हैं।
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