संदेह या शक करना एक ऐसी बीमारी है, जो अच्छे-अच्छों के मन और विश्वास को कमज़ोर करती है। यहां तक कि इसका असर कुछ लोगों पर ऐसा पड़ता कि वह खुद की योग्यता पर संदेह करने लगते हैं। उनका यही संदेह जीवन भर सताता रहता है और समय के साथ ये शक बढ़ता भी चला जाता है। ऐसे विचार बार-बार मन में आने के कारण वे खुद को और भी ज़्यादा कमज़ोर समझने लगते हैं और इसी सोच के साथ उनकी प्रतिभाएं दब जाती है और हमेशा के लिए कहीं खो जाती है। इसीलिए कभी भी खुद की योग्यता पर शक या संदेह न करें।
संदेह है दीमक की तरह
अगर एक बार हमारे मन में संदेह का बीज पड़ गया तो हम कभी भी खुद को शक्तिशाली नहीं समझ पाएंगे और समय के साथ हम शक्तिहीन होते चले जाएंगे। क्योंकि संदेह सफलता की दुश्मन है और व्यक्ति को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। शक वह दीमक है, जो एक बार किसी भी व्यक्ति के दिमाग घर कर गया, तो फिर व्यक्ति कभी भी उससे ऊबर नहीं पाता। इसीलिए अच्छी तरह से जान ले कि संदेह से दूर रहना ही होगा, क्योंकि यह एक बीमारी है जो समय के साथ जीवन को बर्बाद करने की ताकत रखती है।
उपाय जो दूर करें शक को
खुद को करें जागरूक
शक पर काबू पाने के लिए खुद को जागरूक करना सबसे महत्वपूर्ण कदम है। जितना ज़्यादा आप अपने बारे में जानते हैं, उतना ही बेहतर आप समझ सकते हैं कि आपको क्या रोक रहा है और आप इसके बारे में कुछ करने के लिए सशक्त होते हैं। खुद की कमज़ोरी पहचानने से उसे दूर करना आसान होता है।
नकारात्मक आने की वजह जानें
कुछ समय गहराई से सोचे और यह जानने की कोशिश करें कि नकारात्मकता कहां से आ रही है ताकि आप इसे अपने दिमाग और अस्तित्व से खत्म कर सकें। कुछ समय खुद के लिए निकालें और अपना ध्यान पूरी तरह से अलग चीज़ पर केंद्रित करें। ऐसा करने से, यह दिमाग को साफ करने और चीज़ों को एक नए दृष्टिकोण से देखने की अनुमति देता है।
खुद को पॉज़िटिव बनाने की कोशिश
जब भी आपके मन में खुद की योग्यता पर संदेह उत्पन्न हो, तो इसके बारे में सोचना बंद करें। खुद को समझाएं और पॉज़िटिव बाते कहें जैसे कि यह सिर्फ मन का वहम है। मैं भी किसी से कम नहीं हूं। मुझमें भी हुनर है। जब आप ऐसी पॉज़िटिव बातें करेंगे, तो संदेह भी आप से दूर होने लगेगा और आपके मन के सभी वहम भी दूर होने लगेंगे।
खुद पर है पूरा विश्वास
अगर आपको खुद की योग्यताओं पर संदेह करना बंद करना है, तो इसके लिए खुद के अंदर नया विश्वास भरना होगा और खुद पर पूरा विश्वास करना होगा। खुद को प्रेरित करने के लिए यह बार-बार दोहराना होगा कि आपके अंदर भी ताकत है, प्रतिभा है। जब आप इस तरह से शब्दों का इस्तेमाल खुद के लिए करते हो, तो आपके अंदर नया विश्वास आता है और आप भी खुद की शक्ति पर विश्वास करना शुरू कर देते हो। आपके मन में दबी प्रतिभाएं बाहर निकलकर अपना वास्तविक रूप लेना शुरू कर देती है। यही विश्वास की ताकत है, जो आपको जीवन में नया मोड़ देती है।
अपनी लक्ष्य पर ध्यान दें
शक/संदेह जैसे विचारों का मुकाबला करने का एक और तरीका है अपने लक्ष्य, उद्देश्य को प्रेरणा से जोड़े। याद रखें कि आप जो कर रहे हैं वह क्यों कर रहे हैं और इसे अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए फिर से तैयार हो। अपनी प्रेरणा को अंदर खोजें और देखें कि आप अपने आत्म संदेह को कैसे दूर करते हैं। इसीलिए आज ही यह ठान लें कि जब भी मन में कोई संदेह या शक पैदा होगा, तो उसे तुंरत बाहर निकाल दोगे ताकि यह आपके जीवन को प्रभावित न कर सके।
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