होम मेकर हो या फिर करियर ओरियंटिड, अपने परिवार की देखभाल और करियर को आगे बढ़ाने के लिए आप पूरे दिन लगी रहती हैं। सबकी डिमांड्स पूरी करने के बीच धीरे-धीरे आप यह भूल जाती हैं कि आपकी भी एक पर्सनल लाइफ है, जिसमें आपके कुछ पर्सनल इंट्रेस्ट होना स्वभाविक है। अगर आप खुद को ‘मी-टाइम’ नहीं देंगी, तो हो सकता है कि कुछ समय बाद आपके अंदर चिड़चिड़ापन आ जाये, जिसका असर ना चाहते हुए भी आपके अपनों पर दिख सकता है।
ऐसा भी होता है कि आप में से कुछ महिलायें ‘मी-टाइम’ निकालने की कोशिश करती हैं, लेकिन कुछ समय बाद उन्हें गिल्ट महसूस होने लगता है। वह सोचती हैं कि अपने परिवार या ऑफिस के काम को छोड़कर वह अपने ऊपर समय बर्बाद कर रही हैं। उन महिलाओं को यह समझना चाहिये कि अपने लिये समय निकालना कोई बुरी बात नहीं हैं, बल्कि यह बेहद ज़रूरी है क्योंकि जब आप खुद खुश रहेंगी, तभी अपनों को खुश रख सकेंगी।
जानिये क्या है ‘मी-टाइम’?
आसान शब्दों में कहें तो, वह समय जो एक व्यक्ति अपने स्ट्रैस को कम करने और एनर्जी को बढ़ाने के लिये रिलैक्स करने में बिताता है, उसे ‘मी-टाइम’ कहते हैं। इस समय व्यक्ति दूसरों के लिए कोई भी काम करने के बजाय वो काम करता है, जो उसे अच्छा लगता है। जैसे कि कोई भी हॉबी – किताब पढ़ना, कोई इन-डोर या आउट-डोर गेम खेलना, कुछ नया सीखना आदि जिसमें आपकी दिलचस्पी हो। ध्यान दें कि मी-टाइम के दौरान कुछ-न-कुछ करना ज़रूरी नहीं है। आप चाहे तो चाय के कप के साथ सोफे पर 15 मिनट के लिए खाली बैठ सकती हैं। किसी फ्रेंड के साथ पार्क में वॉक कर सकती है।
नीचे बताये गये प्वॉइंट्स पर ध्यान देकर आप मी-टाइम का महत्व और अच्छी तरह से समझेंगी।
खुद को प्राथमिकता दें
अपने लिए समय निकालें क्योंकि यह आपका अधिकार है। अगर आपको यह तर्क ठीक नहीं लगता, तो इस तरह सोचिये कि आपकी फैमिली के किसी भी मेंबर को कुछ चाहिये या कोई ज़रूरत हो, तो वह सबसे पहले आपके पास आते हैं। ऐसे में आपके लिए फ्रेश और अलर्ट रहना बहुत ज़रूरी है क्योंकि अगर आप चिड़चिड़ी होंगी, तो दूसरे की चाहकर भी पूरे मन से मदद नहीं कर सकेंगी। इसलिए खुद को प्राथमिकता दें।
अपने मी-टाइम का समय निर्धारित करें
जिस तरह आप घर और ऑफिस के सारे कामों के लिए समय निर्धारित करती हैं, उसी तरह अपने ‘मी-टाइम’ के लिए भी समय तय कर लें। महिलाओं को अक्सर बेहतर प्रॉजेक्ट मैनेज करने के लिए जाना जाता है, लेकिन वह अपनी खुद की ज़िंदगी ठीक से मैनेज नहीं करती क्योंकि वह अपना ज़्यादातर समय दूसरों के लिए निर्धारित करके रखती हैं। ऐसे में अपने ‘मी-टाइम’ को एक प्रॉजेक्ट समझे और इस दिशा में काम करें।
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