अपने मन को एकाग्र रखने और आंतरिक शांति पाने का सबसे अच्छा तरीका है मेडिटेशन और यह बात विज्ञान भी मान चुका है। मेडिटेशन पर किए गए कई अध्ययन से यह बात साबित हो चुकी है कि यह व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। इतना ही नहीं ध्यान आपको दयालु भी बनाता है।
तनाव कम करता है
शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाने पर शारीरिक और मानसिक तनाव होता है और इसकी वजह से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं जैसे डिप्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर, थकान और सही तरीके से सोचने की क्षमता कम हो जाती है। मेडिटेशन और तनाव के संबंध में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, लगातार 8 हफ्तों तक मेडिटेशन करने वाले लोगों के तनाव स्तर काफी कम हो गया यानी ध्यान आपके तनाव को घटाने में अहम भूमिका निभाता है।
घबराहट और डिप्रेशन को कम करता है
2014 में हुए एक शोध के मुताबिक, मेडिटेशन आपके दिमाग को वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना सीखाता है जिससे आप बीती हुई या आने वाली चीज़ों को लेकर ज़्यादा नहीं सोचते हैं। यही वजह है कि मेडिटेशन से डिप्रेशन कम होता है और इससे एंग्जाइटी भी दूर हो जाती है।
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खुद को पहचानने में मदद
अपने आसपास के लोगों और चीज़ों को पहचानने से पहले इंसान को खुद को पहचानना ज़रूरी है, मेडिटेशन के जरिए आप अपने आपको जानते हैं, समझते हैं, अपनी खूबियों, क्षमताओं से रू-ब-रू होते हैं, इससे आत्मविश्वास बढ़ता है।
याददाश्त तेज होती है
उम्र बढ़ने पर अक्सर लोगों को भूलने की बीमारी हो जाती है या वह डिमेंशिया के शिकार हो जाते हैं, लेकिन नियमित रूप से मेडिटेशन करके इस समस्या से बचा जा सकता है। कई अध्ययन के मुताबिक, मेडिटेशन की कई तकनीक ध्यान केंद्रित करने और याददाश्त बढ़ाने में मदद करती है।
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दयालु बनाता है
कई अध्ययन के मुताबिक, मेडिटेशन के कई प्रकार आपको दयालु और सबसे प्यार करना सिखाते हैं। दरअसल, नियमित रूप से मेडिटेशन प्रैक्टिस करने से आप नकारात्मक विचारों से दूर हो जाते हैं और आपका दिमाग सिर्फ अच्छी और सकारात्मक बातों पर ही ध्यान केंद्रित करता है इसलिए आपके मन में अपने और अपने आसपास के लोगों के प्रति प्रेम की भावना आती है।
अच्छी नींद आती है
यदि रात को बिस्तर पर जाते हैं आपके मन में तरह-तरह क विचार घूमने लगते हैं जो आपको चैन से सोने नहीं देते हैं तो आपको मेडिटेशन ज़रूर करना चाहिए। इस संबंध में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, ध्यान लगाने से मन शांत होता है और बेकार के विचार नहीं आते जिससे आप रात को चैन से सो सकते हैं।
दर्द से राहत
हमें किसी चीज़ से दर्द तब ज़्यादा होता है जब दिमाग में हम सोच लेते हैं कि वह बहुत दर्दनाक है, लेकिन मेडिटेशन करने से आपके मस्तिष्क का वह हिस्सा सक्रिय हो जाता है जो दर्द को कम करने में मदद करता है। तभी तो नियमित रूप से मेडिटेशन करने वालों को अन्य लोगों के मुकाबले किसी भी बीमारी में दर्द कम महसूस होता है।
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