‘योग’ इस शब्द से तो आप सभी भलीभांति परिचित होंगे ही, लेकिन क्या आपको पता है कि योग का मतलब क्या है और इसकी शुरुआत कब हुई थी? क्या योग सिर्फ एक्सरसाइज का रूप है या इससे कहीं बढ़कर, इस सारे सवालों का जवाब आपको इस लेख में मिल जाएगा।
जब योग का नाम लेते हैं, तो आपके मन में फिटनेस का ख्याल आता होगा, क्योंकि पिछले कुछ सालों में हमारे देश में योग को वर्कआउट के रूप में बहुत मशहूर कर दिया गया है, मगर योग सिर्फ फिटनेस तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका दायरा बहुत बड़ा है।
क्या है योग ?
योग संस्कृत शब्द ‘युज’ से निकला है जिसका अर्थ होता है जोड़ना, तो योग का अर्थ है शरीर और मन को जोड़ना यानी दोनों का समन्वय करना। योग एक आध्यात्मिक अनुशासन है। योग जीवन जीने की कला और पूर्ण चिकित्सा पद्धि है यानी योग अपने आप में बहुत व्यापक है, यह कुछ आसनों तक ही सीमित नहीं है। हां, आसनों और सांस लेने की खास तकनीक आपके शरीर के साथ ही मन को भी स्वस्थ करके आपके विचारों को भी शुद्ध करती है। यह आपको अपने शरीर और मन को नियंत्रित करना और उनमें सद्भाव लाना सिखाता है।
क्या है योग का इतिहास ?
योग का इतिहास हजारों साल पुराना है। ऐसा कहा जाता है कि वेदों और पुराणों में भी योग का ज़िक्र है इसके आधार पर ऐसी मान्यता है कि मानव सभ्यता की उत्पत्ति के समय से ही योग का प्रचलन है। योग विद्या में शिव को पहला योगी, आदि योगी या पहला आदि गुरु माना जाता है। इसके बाद ऐसा माना जाता है कि वैदिक ऋषि-मुनियों ने गुरु-शिष्य परंपरा के तहत योग को आगे बढ़ाया। भारतीय ऋषि पतंजलि ने करीब 2000 साल पहले योग दर्शन को लिखित रूप दिया ‘योग सूत्र’ में। इसे योग से जुड़ा सबसे पुराना ग्रंथ है।
योग का विकास
500 ईसा पूर्व से 800 ईस्वी तक समय योग के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा। इस दौरान योग सूत्र और भगवद्गीता आदि पर व्यास की टिप्पणी सामने आई। इसी दौरान भारत के दो महान धार्मिक गुरु महावीर और बुद्ध ने योग साधना को बहुत बढ़ावा दिया। प्राचीन काल में योग को आत्मा से परमात्मा के मिलन का आध्यात्मिक ज़रिया माना जाता था। सिर्फ शरीर को फिट रखने के लिए नहीं, बल्कि साधना के लिए योग किया जाता था। योग में कितनी शक्ति होती है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि योग के जरिए कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है, न सिर्फ पुराने ज़माने में बल्कि आज भी लोग कई बीमारियों के लिए योग की मदद लेते हैं।
योग से जुड़े कुछ मिथक
– योग सिर्फ आसन है।
कुछ लोगों को लगता है कि योग सिर्फ कुछ मुश्किल आसनों का समूह है, लेकिन ऐसा नहीं है यह एक तकनीक है। जिसके अभ्यास के दौरान आपको न सिर्फ शरीर की मुद्रा, बल्कि हर सांस पर ध्यान केंद्रित करना होता है और सांस लेने और छोड़ने की सही तकनीक को फॉलो करना होता है।
– सिर्फ शरीर को फिट रखने का एक तरीका
योग को आप कसरत के रूप में कर सकते हैं, लेकिन यह सिर्फ शरीर की कसरत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आपके मन को शांत और एकाग्र करके आपको आध्यात्मिकता की ओर ले जाता है।
– संगीत के साथ करें योग
आजकल संगीत के साथ योग करने का ट्रेंड है, लेकिन यह सही नहीं है। योग में एकाग्रता की ज़रूर होती है, खासतौर पर सांसों के उतार-चढ़ाव पर एकाग्र होकर ध्यान देने की ज़रूरत है, लेकिन संगीत की आवाज़ एकाग्रता में बाधा बन सकती हैं, इसलिए बिल्कुल शांत वातावरण में योग करें।
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