विज्ञान में कहते हैं “रोकथाम करना, इलाज से बेहतर होता है”। मेडिटेशन के विषय में भी यही कहा जा सकता है क्योंकि मेडिटेशन या ध्यान लगाने से आप बिना किसी दवा या अतिरिक्त उपाय के अनेकों बीमारियों से बच सकते हैं। भारत, चीन, नेपाल, जापान जैसे देशों ने मेडिटेशन करने के हज़ारों तरीके ईजाद किये हैं, जिनका प्रयोग करके आप अच्छी सेहत पा सकते हैं। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन 7 आसनों के बारे में जो आपकी अच्छी सेहत के लिए प्रतिदिन अनिवार्य हैं
ध्यान-ज्ञान मुद्रा
यह मेडिटेशन करने की लोकप्रिय मुद्रा (आसन) है। इस विधि में पालथी मारकर अपने आज्ञा चक्र यानी दोनों भौहों के बीच ध्यान लगाया जाता है। आपने तस्वीरों में महात्मा बुद्ध या ऋषि-मुनियों को इस आसन में देखा होगा।
फायदे– इस मुद्रा को लगातार 60 दिन करने से दिमाग फोकस करना सीखता है, मन पर नियंत्रण होता है, पढ़ने में अधिक मन लगता है।
भुजंग आसान
भुजंग का अर्थ होता है सांप। अतः इस आसन में आपको अपने पेट के बल लेटकर हाथों के सहारे अपने सीने को सांप के फन की तरह उठाना होता है।
लाभ- कमर संबंधी शिकायते दूर होती हैं, मोटापा घटता है, रक्तचाप सही होता है।
शीर्षासन
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा शीर्ष यानी सिर। अगर आपको कोई खास शारीरिक समस्या नहीं है तो यह आसन अपनाएं। इस विधि में सिर के बल खड़ा होना होता है।
लाभ- दिमाग में रक्त संचार बढ़ता है जिससे दिमाग तेज होता है, भावनात्मक रूप से मजबूत होते हैं तथा फोकस और एकाग्रता बढ़ती है।
सुख आसान
यह विधि उन लोगों के लिए है जो ठीक से पालथी मारकर नहीं बैठ सकते। इस विधि में ध्यान मुद्रा की तरह ही बैठा जाता है लेकिन पैरों को बड़े आराम से मोड़ कर ज़मीन में ही रखा जाता है।
लाभ- यह विधि उनके लिए है जिन्हें पैर संबंधी समस्याएं हैं। ध्यान मुद्रा के फायदे इस तरह भी लिए जा सकते हैं।
वज्रासन अथवा वीरासन
इस विधि में अपने घुटनों के बल बैठा जाता है और जांघ और टांगों के बीच एक नरम तकिया लगाया जाता है।
लाभ- पैरों, घुटनों और कमर संबंधी समस्याओं के लिए यह आसन बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही एक्यूप्रेशर पॉइंट जाग्रत होते हैं।
लेटकर मेडिटेशन या शवासन
जैसा कि तिब्बती गुरु दलाई लामा कहते हैं “सोना या नींद लेना सबसे अच्छा मेडिटेशन है”। तो इस तरीके को आप भी अपना सकते हैं। बस बिना तकिया के सीधे लेटना है और आपको अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करना है।
लाभ- मानसिक सेहत अच्छी होती है और बेहतर नींद पाने में मददगार है।
सोफे या कुर्सी पर बैठकर-
अगर आपको ज़मीन पर बैठने में परेशानी हो तो यह विधि आपके लिए है। इस विधि में कुर्सी पर बैठकर मेडिटेशन किया जाता है। ध्यान रहे सिर पर किसी तरह का सपोर्ट न लें। इस तरह कुर्सी पर बैठकर आप ध्यान मुद्रा, विपश्यना, ईशा क्रिया आदि कर सकते हैं।
लाभ– एकाग्रता बढ़ने के साथ-साथ मन शांत रहता है।
इस तरह मेडिटेशन के अनेक प्रकार हैं। सूर्य नमस्कार भी मेडिटेशन का ही भाग है। आप अपनी शारीरिक ज़रूरत के हिसाब से कोई भी चुन सकते हैं। बस आपको एक पोस्चर’ चुनना है और फिर अपनी भौंहों के बीच ध्यान लगाना है ताकि आप भी मेडिटेशन का सहारा लेकर अपने जीवन को सकरात्मकता की ओर ले जा सकें।
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