कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते बच्चों को तो स्कूल से छुट्टियां मिल गई लेकिन पैंरेट्स वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें यह बात सताती रहती है कि आखिर ऑफिस के काम के साथ बच्चों के समय को कैसे मैनेज करें? अगर आप भी इन्हीं सवाल में उलझे हुए है, तो जानिये 5 टिप्स जो बच्चों के दिन को बेहतर बनाने में आपकी मदद करेंगे।
दिन का रूटीन करें सेट
जब आप वर्क फ्रॉम होम कर रहे है, तो आपके लिए अपना और बच्चों का रूटीन बनाना बहुत ज़रूरी है। इसलिये ऑफिस जाने वाली दिनचर्या से अलग एक रूटीन बनाएं, जिसमें ऑफिस के काम के साथ बच्चे भी बोर न हो।
सुबह बच्चों से करवाएं कसरत
सुबह बच्चों को समय पर उठाकर उनसे रोज़ घर में ही कसरत करवाएं। उन्हें बताएं कि इस समय खुद को सेहतमंद रखना कितना ज़रूरी है। कोरोना से बचने के लिए इम्युनिटी मज़बूत होना बहुत महत्वपूर्ण है और कसरत करके इम्युनिटी को मज़बूत किया जा सकता है।
ऑनलाइन क्लासेज़
वैसे तो आजकल स्कूल ही ऑनलाइन क्लासेज़ दे रहे हैं, साथ ही आप ड्राइंग और डांस की ऑनलाइन क्लासेज़ भी करवा सकते हैं। इस तरह आप काम करते हुए बच्चे पर भी ध्यान दे पाएंगे।
घर के छोटे – मोटे कामों में लें बच्चों की मदद
खेल -खेल में बच्चों को जिम्मेदार बनाने के लिए आप उनसे घर की छोटे-मोटे काम में मदद ले सकते हैं। उनसे रोजमर्रा के काम जैसे सजावट के सामानों की सफाई करना, बिस्तर लगाना, किचन के कामों में मदद करना, डस्टबिन में कचरा डालना या सामान को सही जगह रखना आदि आसान काम करवा सकते हैं। जब काम खत्म हो जाएं तो आप उसकी तारीफ करना न भूलें। इससे वह ज़िम्मेदार तो बनेगा, साथ ही आप दोनों की बॉडिंग भी मज़बूत होगी।
बच्चों के साथ घर पर खेलें कुछ पुराने खेल
इस समय भले ही बच्चों को पार्क में नहीं भेज सकते हैं लेकिन उनके साथ घर में ही गेम्स खेल सकते हैं। बच्चों के साथ इंडोर गेम्स खेलें या पुराने खेल खेलें, जैसे अंगुलियों पर चिड़िया उड, कैरम, लूडो, शतरंज, छुपन- छिपाई या बॉल एक -दूसरे को पास करना आदि। अगर बच्चे बहुत छोटे हैं, तो उनके साथ खिलौनों या भागने – दौड़ने वाले खेल खेलें। इसे बच्चों के साथ बिताने वाला बेस्ट टाइम बनाएं।
रोज़ बच्चों से बातें करने का भी रखें समय
बच्चों को अपने आस पास ही बैठकर कोई एक्टिविटी करने के लिए कहें। बीच-बीच में बच्चे से बातें करते रहें कि उन्हें क्या करना पसंद है क्या नहीं। कुछ आप कहें और कुछ उनकी सुनें। बच्चों के साथ कहानी सुनाने की गतिविधि करें। उन्हें कोई कहानी लिखने को कहें और उसमें जो भी शिक्षा बच्चे को मिली, उससे अंत में ज़रूर पूछे। इससे बच्चों में क्रिएटिविटी बढ़ती है।
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