पिता का साथ बच्चों को बनाता है कॉन्फिडेंट

पिता का साथ बच्चों को बनाता है कॉन्फिडेंट

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बच्चों के लिये माता और पिता दोनों का ही साथ बहुत ज़रूरी है। मां के प्यार के साथ-साथ पिता के साथ समय बिताना भी बहुत महत्वपूर्ण है। बचपन में पिता के साथ बिताया वक्त बच्चों को न सिर्फ हेल्दी बनाता है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।

हेल्दी बनते हैं बच्चे

एक रिसर्च के मुताबिक, डिवोर्स या किसी अन्य कारण से जिन बच्चों को छोटी उम्र में पिता का साथ नहीं मिल पाता है, उनके बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसके विपरीत पिता के साथ समय बिताने वाले बच्चे स्वस्थ रहते हैं।

ज़्यादा आईक्यू लेवल

पिता का साथ बच्चों को बनाता है कॉन्फिडेंट
पिता और बच्चों का प्यारा रिश्ता  | इमेज : फाइल इमेज

जो बच्चे पिता के साथ ज़्यादा रहते हैं, उनका आईक्यू लेवल पिता के साथ न रहने वाले बच्चों से कहीं ज़्यादा पाया गया। एक अध्ययन के मुताबिक, पिता जितना ज़्यादा बच्चों के रोज़मर्रा के काम में उनका साथ देते हैं, उनके बच्चे ज़्यादा स्मार्ट बनते हैं, भले ही पिता बहुत स्मार्ट न हो, लेकिन बच्चे के साथ समय गुज़ारना ज़रूरी है। साथ ही ऐसे बच्चे सोशली भी ज़्यादा एक्टिव रहते हैं।

ऑफिस में खुश

एक अध्ययन के मुताबिक, जो पिता अपने बच्चों के साथ समय बिताते हैं, वह अपने ऑफिस में भी खुश होकर काम करते हैं। यानी बच्चों के साथ ही यह पिता के लिये भी फायदेमंद होता है। ऐसे पिता अपनी नौकरी से संतुष्ट रहते हैं।

बढ़ता है बच्चे का सेल्फ स्टीम

पिता का साथ बच्चों को बनाता है कॉन्फिडेंट
पिता और बच्चों का प्यारा रिश्ता  | इमेज : फाइल इमेज

कोई पति अकेले या परिवार के साथ बच्चे के साथ जितना ज़्यादा समय बिताते हैं बच्चे का सेल्फ स्टीम उतना ही ज़्यादा होता है। जिन बेटियों के पिता उनके साथ ज़्यादा रहते हैं, वह बाकियों के मुकाबले मज़बूत और जीवन में ज़्यादा सफल बनती हैं।

इमोशनली स्ट्रॉन्ग

जिन बच्चों के पिता का ज़्यादा इन्वॉल्वमेंट होता है, वह बच्चे इमोशनली ज़्यादा मज़बूत बनते हैं। आगे चलकर ज़िंदगी में आने वाली मुश्किलों से वह मज़बूती से लड़ सकता है। पिता का साथ उन्हें सुरक्षित होने का एहसास दिलाता है और यही एहसास उन्हें मज़बूती देता है।

मल्टीटास्किंग

बच्चे के जन्म के बाद मां ही नहीं, पिता का दिमाग भी बदल जाता है। यह बात एक रिसर्च से साबित हो चुकी है। जो पिता छोटी उम्र से ही बच्चों का हर काम करते हैं और उनके साथ ज़्यादा रहते हैं इससे पिता और बच्चे की बॉन्डिंग तो गहरी होती है। साथ ही पिता मल्टीटास्किंग बनते हैं।

उम्मीद है यह लेख पढ़ने के बाद हर पिता अपने बच्चे के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताने की कोशिश करेंगे।

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