इस बात में कोई दो राय नहीं है कि पिछले कुछ सालों में महिलाओं ने कामयाबी की नई कहानियां लिखी है। शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र बचा हो, जहां उन्होंने अपना परचम न लहराया हो। आज की नारी फौलादी इरादों और आत्मविश्वास से लबरेज है। महिलाओं की इस बदलती तस्वीर को अब वेस्टर्न रेलवे ने अपने लेडीज़ कोच में दिखाने की पहल शुरू कर दी है।
घूंघट की जगह आया सूट
मुंबई में वेस्टर्न रेलवे से आपने यात्रा की हो, तो देखा होगा कि लेडीज़ कोच के बाहर साड़ी और सिर पर पल्लू रखे एक महिला की तस्वीर लगी होती है, लेकिन अब यह तस्वीर जल्द ही हटने वाली है। इसकी जगह दिखेगी सूट-बूट पहने आत्मविश्वास से भरी मॉर्डन नारी, जो पूरी तरह से आत्मनिर्भर है। इतना ही नहीं रेलवे ने लेडीज़ कोच के अंदर भी बदलाव किये है। कहा जा रहा है कि कोच के अंदर बैटमिंटन स्टार सायना नेहवाल, क्रिकेटर मिताली राज, कल्पना चावला जैसी असाधारण उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं की तस्वीर लगाई जा रही है।
बदलाव की बयार
नये लोगो या डिज़ाइन वाले कई कोच बन चुके हैं और कुछ का काम चल रहा है। दरअसल, रेलवे का यह नया कदम महिलाओं के बदलती सामाजिक और आर्थिक भूमिका प्रतिनिधित्व करता है। घूंघट वाली महिला जहां महिलाओं को एक गृहिणी के रूप में दर्शाती है। हालांकि अब महिलायें गृहिणी के साथ साथ ऑफिस की ज़िम्मेदारियां भी पूरे जोश के साथ निभा रही है। इसलिये नये डिज़ाइन में फॉर्मल सूट वाली महिला आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर रही है, जो आज की मॉर्डन नारी है। आज की महिलायें सिर्फ घर की चारदीवारी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह किचन से लेकर बोर्डरूम तक की सारी ज़िम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं तभी तो उन्हें सुपरवुमन भी कहा जाता है।
इमेज : इंडिया टुडे
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