भारत में बहुत से प्रसिद्ध जगह है, जहां प्रकृति के साथ-साथ यहां आध्यात्म का संगम भी देखने को मिलता है। आयुर्वेद, योग और अन्य कई सांस्कृतिक तरीकों से मन को शांत किया जाता है। अगर आप भी भागदौड़ से भरी ज़िंदगी से बाहर आकर शांति पाना चाहते हैं, तो यहां आकर बदलाव महसूस करें।
रामेश्वरम, तमिलनाडु
रामेश्वरम हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ है, जो तमिलनाडु स्थित रामनाथपुरम जिले में है। यह तीर्थ हिन्दुओं के चार धामों में से एक है, जिसका अर्थ है ‘भगवान राम’। यहां भगवान राम ने लंका तक पहुंचने के लिये पत्थरों के सेतु का निर्माण करवाया था। आज भी इस 30 मील लंबे सेतु के तथ्य सागर में दिखाई देते हैं।
श्री रामेश्वरम में 24 कुएं है, जिन्हें ‘तीर्थ’ कहा जाता है। यहां का जल मीठा होता है और श्रद्धालु इसे पीते भी हैं। इस मंदिर का प्रवेश द्वार 40 फीट ऊंचा है, जो भारतीय निर्माण कला का एक आकर्षक नमूना है। मंदिर में सैकड़ों विशाल खंभे हैं और प्रत्येक खंभे पर अलग अलग तरह की बारीक कलाकृतियां बनी है।
ओरोविल्ले, पोंडिचेरी
ओरोविल्ले एक ऐसा शहर है, जहां अनूठी विचारधारा के लोग बसते हैं। जहां पर जाति, रंग और राष्ट्रीयता का कोई महत्व नहीं है। यह पोंडिचेरी में है और तमिलनाडु की विलुपुरम जिले में आता है। यहां की खास बात यह है कि यहां के लोग जैविक खेती और पशुओं की देखभाल करते हैं। इस जगह खुशी और मन की शांति के लिये और स्ट्रैस फ्री जीवन जीने के लिए अनके प्रोग्राम चलाये जाते हैं। जिसके लिये वर्कशॉप और थेरेपी आदि कार्यक्रम रखा जाता है।
बोधगया, बिहार
बोधगया, बिहार का एक छोटा और बहुत मशहूर शहर है। बोधगया भगवान गौतम बुद्ध के कारण जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि बोधगया में बोधि पेड़ के नीचे तपस्या करते हुए भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। 2002 में युनेस्को ने बोधगया को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
महाबोधि मंदिर के दक्षिण-पूर्व में मेडिटेशन पार्क है, जो अपनी ही तरह की एक दुनिया है। ध्यान लगाने वाली कुटियों, मण्डली है। यह पार्क कोलाहल भरे शहर में शांति का एक स्थान है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक यहां ध्यान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
यह ऐसी जगह है जहां आप घंटों टकटकी लगाए बैठे रह सकते हैं।
स्वर्ण मंदिर, अमृतसर
स्वर्ण मंदिर का नाम मंदिर के बाहरी परत पर चढ़ी सोने की चादर की वजह से दिया गया था, जिसे मंदिर बनने के कई सौ साल बाद महाराजा रंजीत सिंह ने चढ़वाया था। यहां रोज दुनिया का सबसे बड़ा लंगर आयोजित किया जाता है, जिसमें लाखों लोग भोजन करते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां हर व्यक्ति अपनी इच्छा और सामर्थ्य के अनुसार सेवा करते हैं।
मंदिर की सीढ़ियां नीचे से ऊपर की ओर नहीं बल्कि ऊपर से नीचे की ओर जाती हैं जो यह बताती है कि जीवन में हमेशा नम्र रहना चाहिए और ज़मीन से जुड़े रहना चाहिये।
कुमारकोम, केरल
केरल में सबसे बड़ी सुरम्य वेम्बनाड झील के किनारे फैला कुमारकोम अपने शांत बैकवॉटर्स के लिए प्रसिद्ध है। यहां आकर आपको अध्यात्म और आत्म-अनुभूति होती है। केरल पश्चिमी घाट के शानदार पहाड़ों पर नारियल के पेड़ों और हरी-भरी प्रकृति से घिरा हुआ है। इसके साथ ही आप नय्यर बांध पर भी प्रकृति के करीब जाकर शांति का अनुभव कर सकते हैं। यहां की नदियों में हाउसबोट का मज़ा भी आप ले सकते हैं। आप आयुवेर्दिक मसाज और सूर्यास्त के खूबसूरत नज़ारे का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
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