मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। दुनिया में कई लोग हैं जो मानव सेवा को ही अपना धर्म मानकर दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसी ही है दिल्ली की रसोई, जिसमें जरुरतमंदों को केवल 1 रुपये में भरपेट खाना मिलता है।
कहां से मिली प्रेरणा?
दिल्ली के रहने वाले प्रवीन कुमार गोयल, नांगलोई इलाके में शिव मंदिर के पास ‘श्याम रसोई’ चलाते हैं। परवीन को इस रसोई को चलाने की प्रेरणा 10 रूपये में खाना मांगने वाले व्यक्ति से मिली थी। उसके पास भरपेट खाना के लिए पैसे नहीं थें। यह बात उनके मन में इस तरह घर कर गई उन्होंने अपने परिवार से ज़रूरतमंदो को खाना खिलाने की बात कही। इसके बाद प्रवीन कुमार अपने दो बच्चों के साथ ‘श्याम रसोई’ की शुरु की।
भरपेट खाना के लिए एक रूपये ही क्यों?
श्याम रसोई की खासियत है कि यहां पर कोई भूखा नहीं जाता। व्यक्ति केवल एक रुपए में पेट भरकर खाना खा सकता है। एक रुपए भी इसलिये लेते है ताकि लोग खाने को मुफ्त समझकर बर्बाद न करें। इस रसोई में भूखों का पेट भरने के लिए कई लोग तरह – तरह के दान करते हैं। कोई आर्थिक रुप से मदद करता है, तो कोई अनाज या राशन देकर। पहले इस रसोई में हर रोज़ सौ लोगों को 10 रुपये में एक थाली देते थे, लेकिन लोगों द्वारा दिए जा रहे दान और गरीब मजूदरों की ज़रूरत को देखते हुए अब इसका दाम घटाकर एक रुपए कर दिया गया। श्याम रसोई में सुबह 11 बजे से 1 बजे के बीच खाना मिलता है।
पैक भी होता है खाना
श्याम रसोई में लोग किसी बीमार या जरूरतमंद के लिए खाना भी पैक करवाकर ले जा सकते हैं, लेकिन सिर्फ तीन लोगों का ही खाना पैक करवाया जा सकता है, ताकि इसका दुरुपयोग न हो। तीन ई-रिक्शा के माध्यम से इंद्रलोक, साई मंदिर जैसे आस-पास के इलाकों में पार्सल भी उपलब्ध कराते हैं। यहां हर रोज खाने का मेनू बदलता रहता है। आमतौर पर थाली में चावल, रोटी सोया पुलाव, पनीर, सोयाबीन, और हलवा होता है।
लोगों ने बढ़ाया हाथ
प्रवीण गोयल की मदद के लिए परिवार के साथ-साथ अन्य लोग भी मुफ्त में काम करते हैं। सब अपनी इच्छा से कुछ न कुछ काम करते हैं, कोई खाना बनाने का, परोसने का तो कोई पार्सल का काम करता है। अगर आप भी दिल्ली के आसपास रहते हैं, तो आप श्याम रसोई में अपनी सेवा दे सकते हैं।
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