संगीत सुनना या गाना भला किसे पसंद नहीं होता। संगीत न केवल मनोरंजन का एक माध्यम है, बल्कि सेहत पर भी अच्छा प्रभाव डालता है। अक्सर लोग खाली समय में संगीत सुनना पसंद करते हैं क्योंकि इससे मन को शांति मिलती है और दिनभर की थकान से आराम।
याददाश्त में सुधार
संगीत का याद करने की क्षमता पर पॉज़िटिव असर होता है। नेशनल सेंटर फोर बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन के एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने कुछ लोगों को संगीत के साथ कुछ पढ़ने और फिर शब्दों को याद करने का काम दिया था। इस प्रयोग में जिन लोगों ने शास्त्रीय संगीत सुनकर पढ़ाई की, उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया था। संगीत सुनने से कमजोर याददाश्त वाले लोग भले ही शब्द भूल जाते हो, लेकिन संगीत नहीं भूलते, क्योंकि संगीत याददाश्त से जुड़ा होता है।
मूड होता है बेहतर
संगीत की यही खूबी है कि आप जब चाहे, जैसा चाहे संगीत सुनकर अपना मूड बदल सकते हैं। जर्नल ऑफ पॉज़िटिव सायकोकॉजी के अनुसार जिन लोगों ने संगीत सुना, उनके मूड बेहतर हुआ। इतना ही नहीं सिर्फ दो हफ्तों में खुशी का एहसास भी होने लगा। संगीत में भावनाओं को व्यक्त करनी शक्ति है। गाने के ज़रिये आप अपने मूड के बारे में आसानी से दूसरों को बता सकते हैं कि आप क्या महसूस कर रहे है।
तनाव होता है कम
मेयो क्लिनिक के अनुसार संगीत कोर्टिसोल के स्तर को कम करके तनावग्रस्त मांसपेशियों को आराम देता है। इससे व्यक्ति पहले की तुलना में अधिक आशावादी और सकारात्मक महसूस करता है। ऐसे कई अध्ययन है, जिसमें यह साबित हुआ है कि अगर व्यक्ति संगीत का सहारा लें, तो चिंता, डिप्रेशन, तनाव के स्तर को कम कर सकता है। इसमें क्लासिकल म्यूजिक ज़्यादा फायदेमंद हैं। रोज़ाना संगीत सुनने से दिमाग का फंक्शन बेहतर होता है और इससे क्रिएटिविटी बढ़ती है।
कसरत होती है बेहतर
कसरत या वर्कआउट के समय संगीत सुनने से मूड अच्छा रहता है और ज़्यादा समय तक कसरत करने का मन करता है। इसलिए आपने देखा होगा कि जिम में कम आवाज़ में संगीत बजाया जाता है, ताकि व्यक्ति को गाने या संगीत सुननकर एनर्जी मिलती रहे और मन से कसरत कर सकें।
हर दर्द से आराम
दर्द चाहे शारीरिक हो या मानसिक, म्यूजिक थेरेपी दोनों ही स्थितियों में फायदेमंद है। खासकर मानसिक परेशानी की स्थिति में संगीत किसी जादू से कम नहीं है। नेशनल सेंटर फोर बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन के एक अध्ययन में पाया गया है कि असहनीय दर्द में जब व्यक्ति को संगीत सुनाया जाता है, तो वह अपने दर्द की प्रतिक्रिया देना भूल जाता है। अगर बीमार बच्चों को संगीत सुनाते हुए इंजेक्शन लगाया जाएं, तो कम दर्द होता है, क्योंकि उस समय बच्चों का ध्यान संगीत पर होता है।
कम खाने में है मददगार
भोजन के दौरान अगर सौम्य संगीत सुना जाएं, तो खाना खाने वाले का पेट जल्दी भरता है। संगीत ऐसे लोगों को जागरूक बनाता है की आपका पेट भर चुका है। एक शोध से यह सामने आया है की संगीत कैलोरी के सेवन को कम करके संयमी बनाने में मदद करता है।
अच्छी होती है नींद
अगर किसी को अनिद्रा की समस्या है, तो सोते समय संगीत सुनना शुरू कर दीजिए। क्योंकि शास्त्रीय संगीत सहानुभूति तंत्रिका तंत्र की गतिविधि को कम करके चिंता को घटाता है। मांसपेशियों को आराम देता हैं और उन विचारों की व्याकुलता को दूर करता है जो आपके सोने में रूकावट है।
तो फिर अपने मन और शरीर को बेहतर बनाने के लिए आपको भी अपना मनपसंद संगीत सुनना चाहिए।
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