यूनेस्को की सूची में शामिल 5 भारतीय धरोहर, जिससे आप है अनजान

यूनेस्को की सूची में शामिल 5 भारतीय धरोहर, जिससे आप है अनजान

भारत की अनसुनी धरोहरें जिसके बारे में पढ़-सुना है कम
FacebookTwitterLinkedInCopy Link

भारत एक समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक भूमि है। यहां के हर कोने में इतिहास छिपा है, जो न केवल भारत की अखंडता का प्रतीक है, बल्कि भारत की संस्कृति का जीवंत उदाहरण भी है। ऐसी कई पुरानी ऐतिहासिक इमारतें, झरने, मंदिर और गुफाएं भारत में मौजूद हैं, जो भारत को खास बनाती है। जानते हैं ऐसे स्थलों के बारे में जिसे दुनिया भी संजोकर रखना चाहती है।

1-  कंचनजंगा पार्क – सिक्किम

प्रकृति का खूबसूरत नज़ारा | इमेज : फाइल इमेज

प्रकृति के गोद में बसा है कंचनजंगा राष्‍ट्रीय उद्यान जो पुराने जंगल के मैदानों, घाटियों, झीलों और पहाड़ों से ढका है। इसका नाम दुनिया के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत कंचनजंगा के नाम पर रखा गया है। पूर्वोत्तर भारत में बसे कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को में शामिल किया है। यह जगह ट्रेकर्स, पर्वतारोही और प्रकृति प्रेमी के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

कैसे जाएं

नजदीकी रेलवे स्टेशन: एनजेपी से लगभग 221 किलोमीटर की दूरी पर कंचनजंगा नेशनल पार्क के लिए कार किराए पर ले सकते हैं।
नजदीकी एयरपोर्ट: बागडोगरा हवाई अड्डे से टैक्सी लेकर सीधे पार्क तक पहुंच सकते हैं।

2- अनंतपुरा झील मंदिर – केरल  

धार्मिक स्थल है ये जगह | इमेज : फाइल इमेज

केरल के अनंतपुर मंदिर एक झील के बीच में बना हुआ है। करीब 9वीं शताब्दी में बने भगवान विष्णु के इस मंदिर को अनंत-पद्मनाभस्वामी भी कहा जाता है। इस मंदिर में दो सबसे खास बात है, पहला यहां जितनी भी मूर्तियां मौजूद है, वे किसी धातु या पत्थर से नहीं बनी है, बल्कि इनका निर्माण 70 से ज़्यादा विशेष औषधियों के मिश्रण से हुआ है। इसे ‘कादुशर्करा’ कहा जाता है। दूसरा इस मंदिर का पहरेदार एक मगरमच्छ है, जिसे बाबिया कहते हैं और यह एक शाकाहारी मगरमच्छ है। केवल भक्तों और पुजारी के द्वारा दिए गए प्रसाद ही खाता है और किसी को नुकसान भी नहीं पहुंचाता।  

कैसे जाएं

नजदीकी रेलवे स्टेशन: कासरगोड रेलवे स्टेशन, कोष़िक्कोड-मधूर रोड से होते हुए
नजदीकी एयरपोर्ट: मंगलूरु एयरपोर्ट से लगभग 56 कि.मी.

3- पश्चिमी घाट

6 राज्यों का है समावेश | इमेज : फाइल इमेज

यह घना जंगल भारत के पश्चिमी तट से लेकर दक्षिणी तट तक 1600 किलोमीटर में फैला हुआ है। इस घाट में 6 राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात का समावेश है। यह घाट एशियाई हाथी, बाघ, तेंदुए और ब्लैक पैंथर के लिए मशहूर हैं। इस विश्व स्तर पर 325 प्रजातियों के साथ वनस्पतियों और जीव की विभिन्न प्रजातियां है। अगर भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए, तो पश्चिमी घाट पहाड़ नहीं हैं, बल्कि मानव निर्मित झीलों और जलाशयों का एक बड़ा संग्रह है।

कैसे जाएं

6 राज्यों से जुड़े होने से यहां कई सारे सुविधाएं है। हर राज्य का नजदीकी रेलवे स्टेशन, गाड़ी और एयर पोर्ट है।

4- रानी की वाव – गुजरात

पानी से है गहरा रिश्ता | इमेज : फाइल इमेज

यह ऐतिहासिक इमारत गुजरात के पाटन गांव में है। रानी की वाव एक प्राचीन सीढ़ीदार कुआं है। सरस्वती नदी के किनारे स्थित इस बाओली का निर्माण 11वीं सदी में हुआ था। इसे रानी उदयमति ने अपने पति राजा भीम प्रथम की याद में बनवाया था, जो चालुक्य या सोलंकी वंश के राजा थे। यह वंश 950 से 1300 ई. के बीच शासन करता था। इस स्मारक में मारू-गुर्जर वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है। भारतीय रिज़र्व बैंक के जारी किए गए सौ रुपये के नए नोट पर भी प्रिंट किया गया है। इस ऐतिहासिक जगह पर 500 से भी ज़्यादा देवी- देवताओं की मूर्ति कलाओं का बेहद शानदार ढंग से प्रदर्शन किया गया है।

कैसे जाएं

नजदीकी रेलवे स्टेशन: मेहसाणा से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर है।
नजदीकी एयरपोर्ट: अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट से लगभग 123 किलोमीटर की दूरी पर है। बस या टैक्सी की मदद से आसानी से पहुंच जाएंगे।

5- भीमबेटका गुफाएं – मध्य प्रदेश

आदिमानव के जमाने के समय की है शैलचित्र | इमेज : फाइल इमेज

गुफाएं आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। यहां बनाये गए चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के सबसे प्राचीनतम चिह्न हैं। भीमबेटका का नाम महाभारत के पांडव भीम से जुड़ा है। गुफाओं में प्राकृतिक लाल और सफेद रंगों से वन्यप्राणियों के शिकार दृश्यों के अलावा घोड़े, हाथी, बाघ आदि के चित्र उकेरे गए है। इन चित्र में पुराने समय के नृत्य, संगीत बजाने, शिकार करने, घोड़ों और हाथियों की सवारी, शरीर पर आभूषणों को सजाने और शहद जमा करने के बारे में दिखाया गया है। अगर आप पेंटिंग का शौक रखते हैं, तो भीमबेटका गुफाएं में एक बार जरूर आए।

कैसे जाएं

भोपाल हवाई अड्डा या भोपाल रेलवे स्टेशन से टैक्सी या बस के जरिए भीमबेटका पहुंचा जा सकता है।

तो जब भी कोरोना खत्म हो और परिस्थितियां बेहतर हो तो इन जगहों पर ज़रुर घूमकर आएं।

और भी पढ़िये : मन से डर को दूर करें – 10 पॉज़िटिव विचार

अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और  टेलीग्राम  पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight.Me

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.