दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें हर पल नई चुनौतियों का सामना करने में मज़ा आता है। ये लोग खुद ही अपने लिए मुश्किल रास्ते का चुनाव करते हैं, क्योंकि इन्हें आरामदायक ज़िंदगी पसंद नहीं होती। ऐसी ही एक लड़की है, पुणे की वेदांगी कुलकर्णी, जिन्होंने महज़ बीस साल की उम्र में ही साइकिल से पूरी दुनिया माप ली।
बनाया नया रिकॉर्ड
जुलाई में ऑस्ट्रेलिया के पर्थ से वेदांगी ने अपना सफर शुरु किया था और कोलकाता पहुंचकर उन्होंने 29,000 किलोमीटर का सफर तय कर लिया। इस तरह वह साइकिल से दुनिया का चक्कर लगाने वाली सबसे तेज एशियाई बन गई हैं। उनसे पहले किसी भारतीय महिला या पुरुष ने इस तरह की कोशिश नहीं की थी। वैसे सबसे कम दिनों में साइकिल से दुनिया का चक्कर लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड ब्रिटेन की जेनी ग्राहम नामक महिला के नाम है। उन्होंने 124 दिन में पूरी दुनिया का सफर किया था।
159 दिन में पूरी दुनिया की सैर
वेदांगी ने अपने सफर के दौरान 14 देशों की यात्रा की और इसमें उन्हें 159 दिन लगे। वह रोज़ाना लगभग 300 किलोमीटर साइकिल चलाती हैं। वेदांगी का कहना है कि अपनी यात्रा में उन्हें कई अच्छे और बुरे अनुभव भी हुए, लेकिन बुरे अनुभवों से वह घबराई नहीं और अपना सफर जारी रखा। अपना रिकॉर्ड पूरा करने के लिए उन्हें आस्ट्रेलिया के पर्थ वापस जाना होगा।
अकेले किया सफर
वेदांगी ने जिस मुश्किल चुनौती को पूरा किया है, ऐसे करने की हिम्मत कम ही लोग कर पाते हैं। उन्होंने अपना 80 प्रतिशत सफर अकेले ही किया। कुछ दूरी तक उनके माता-पिता साथ रहे थे और उन्होंने ही वेदांगी के सफर का पूरा खर्च उठाया है।
आसान नहीं था सफर
साइकिल से पूरी दुनिया की अकेले यात्रा करना आसान नहीं था। सफर में वेदांगी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कनाडा में एक जगह भालू उनके पीछे पड़ गया था, तो रूस की बर्फिली वादियों में उन्हें अकेले कई रातें बितानी पड़ी थी। स्पेन में तो कुछ बदमाशों ने चाकू की नोक पर उनसे लूटपाट भी की, लेकिन वेदांगी इन सबसे डरी नहीं। घने जंगल, पानी, पहाड़ सबको पार करते हुए वह अपनी मंज़िल की ओर बढ़ती रहीं। अपने सफर में उन्हें शून्य से 20 डिग्री कम से लेकर 37 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को भी झेलना पड़ा। वेदांगी ने इस ट्रिप के जरिए #StepUpAndRideOn अभियान की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य महिलाओं के मन में डर से लड़ने और जीतने का साहस पैदा करना है। वेदांगी ने इस बात को सच कर दिखाया है कि डर के आगे जीत है।
और भी पढ़े: खुद को बेहतर बनाने के लिए करें मेडिटेशन
ThinkRight.me, आपका इमोशनल फिटनेस एप, जिसे अब आप डाउनलोड भी कर सकते है।