ज़रूरी है खुद को समझना, कैसे? जानिए यहां

ज़रूरी है खुद को समझना, कैसे? जानिए यहां

अपनी अंतरात्मा की सुनें वही आपको सही रास्ता दिखाती है
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कई बार ऐसी ऐसी स्थितियां आती हैं कि हमें अपने सवालों के जवाब नहीं मिल पाते और जवाब के लिए हम आसपास लोगों को तलाशते हैं, मगर सच तो यह है कि आपके सवालों के जवाब आपके पास ही है, बस इसके लिए ज़रूरत है शांति से अपने साथ वक्त बिताने की और अपने अंतर्मन की आवाज़ सुनने की। जब हम अपने अंतर्मन की सुनते है तो खुद को समझ पाते हैं।

क्यों ज़रूरी है खुद को समझना?

जो इंसान खुद को समझ नहीं पाता वह दूसरों की भावनाओं और विचारों को कतई नहीं समझ सकता। ऐसे लोग हमेशा एक असमंजस की स्थिति में जीते हैं और कभी खुश नहीं रह पाते और न ही दूसरों के लिए ही कुछ अच्छा कर पाते हैं, इसलिए ज़रूरी है कि पहले आप खुद को समझें और इसके लिए आपको अपने अंतर्मन की आवाज़ सुननी होगी।

खुद को समझने के लिए करें यह काम

अकेले शांति से कुछ पल बैठें

कभी आपको ऐसा महसूस हुआ है कि मन में बहुत उथल-पुथल मचने के बाद जब आप कुछ देर अकेले में शांति से बैठकर वर्तमान हालात के बारे में सोचते हैं तो आपको खुद ब खुद कुछ न कुछ रास्ता दिख जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम अकेले में होते हैं तो अपनी अंतरात्मा से बात करते हैं और वह हमें कई इशारे देते हैं, मगर इसे समझने के लिए आपको शांति से अकेले में बैठकर अपने मन की बात सुननी और समझनी होगी।

अंदर से आ रही आवाज़ को अनदेखा न करें

कई बार ऐसा होता है कि हम कुछ काम करने जा रहे होते हैं तो मन के किसी कोने से एक आवाज़ आती है कि ‘इसे मत करों या यह सही नहीं है।’ जब कभी ऐसा हो तो कुछ पल के लिए ठहर जाएं और जो काम करने जा रहे हैं उसका विश्लेषण कर लें, क्योंकि कई बार आपकी अंतरात्मा आपको किसी मुश्किल में फंसने से बचने के लिए ऐसा इशारे करती है, ऐसे में अपने मन की आवाज़ को अनदेखा न करें।

मेडिटेशन से खुद को शांत रखें | इमेज : फाइल इमेज
रखें खुद का ध्यान

खुद से जुड़ने या खुद को समझने के लिए ज़रूरी है कि आप खुद को प्राथमिकता दें। अपनी सेहत का सही तरीके से ख्याल रखें। खानपान से लेकर कसरत तक सब कुछ समय पर करें, क्योंकि जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहेंगे तभी सही तरीके से कुछ सोच और समझ पाएंगे।

गैजेट से दूरी

गैजेट्स और आभासी दुनिया ने हमारे आसपास इतनी गहरी पैठ जमा ली है कि हम खुद से बात करना ही भूल गए हैं। जबकि अपनी क्षमताओं, खुशियों और योग्यताओं को पहचानने के लिए ज़रूरी है कि आप कुछ वक्त सिर्फ और सिर्फ अपने साथ बिताएं, उस वक्त फोन, लैपटॉप या टीवी कुछ भी आसपास नहीं होना चाहिए।

शौक पूरे करें

खुद से जुड़ने का एक और बेहतरीन तरीका है अपने शौक के लिए समय निकालना। पेंटिंग, कुकिंग, फोटोग्राफी, डांसिग, गार्डनिंग जो भी आपको पसंद हो उस काम को करने के बाद आपको एक संतुष्टि और खुशी का एहसास होता है। और यही खुशी और संतुष्टि आपको आपके असली व्यक्तित्व से जोड़ती है।

ज़िंदगी की रफ़्तार को धीमा करें

बहुत जल्दी सब कुछ पा लेने की चाह आपको शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से थका देती है और इस भागदौड़ में आप अपनी असली खुशी भी भूल जाते हैं जो सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। इसलिए जब भी ऐसा लगे कि बहुत थकान हो रही है तो कुछ देर के लिए सब चीज़ों से ब्रेक लेकर अपने साथ वक्त गुज़ारे या मेडिटेशन करें।

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