जब भी हम आसपास हरियाली देखते है, तो न जाने क्यों दिल और दिमाग में सुकून और खुशियां छा जाती है। शायद यही वजह है कि भारत और चीन जैसे देशों ने समय रहते इस खुशहाली को पहचान लिया और अब ये दुनिया को भी हरियाली की राह पर ले जाने का काम कर रहे हैं। हरियाली को बढ़ाने की इस मुहिम के लिए अब नासा ने भी इन देशों की तारीफ़ की है।
दुनिया को मिला हरियाली देखने का नया नज़रिया
भारत और चीन, दोनों ही देशों को विशाल जनसंख्या वाले देश के रूप में जाना जाता है पर चीन ने खाली पड़ी जमीन पर पेड़ों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान दिया, तो वही भारत ने फसलों से हरियाली बढ़ाने पर ज़ोर दिया। नासा के सेटेलाइट से पता चला है कि आज भारत और चीन जैसे देशों में 20 साल पहले की तुलना में ज्यादा हरियाली है। इसका कुल मिलाकर मतलब निकलता है कि हरियाली के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पेड़ तो ज़रूरी हैं ही, साथ ही हरी-भरी फसलों से भी इस लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है।
आखिर दुनिया के लिए कितनी ख़ास है ये उपलब्धि
आज के दौर में दुनिया के लगभग सभी देश इंडस्ट्री को बढ़ाने में इतने व्यस्त हो चुके हैं कि पर्यावरण और हरियाली जैसे मुद्दों पर उनका ध्यान ही नहीं जा पा रहा है। लेकिन नासा की रिपोर्ट ने भारत और चीन जैसे देशों को पर्यावरण के मुद्दे पर ग्लोबल लीडर बना दिया है। इससे पता चलता है कि चाहे ज़रूरतें जितनी भी हो लेकिन एक आईडिया से सब कुछ बैलेंस किया जा सकता है।
भारत और चीन के प्रयासों के फायदे
भारत और चीन ने जिस तरह अपने लोगों की ज़रूरतों का ध्यान रखते हुए हरी-भरी धरती के लक्ष्य को पूरा किया है, उससे दूसरे देश के लोगों में भी एक नए नज़रिए का विकास होगा। जैसे-
-ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों पर दुनिया के देशों के बीच जागरूकता बढ़ेगी और पेड़ों की संख्या बढ़ाने पर लोगों का ध्यान जायेगा।
-जिस तरह भारत ने ग्रीनरी को बढ़ाया है, उसी तरह दूसरे देशों में भी ग्रीनरी बढाने के लिए नई तरकीबों की शुरुआत होगी।
-ऐसी ग्रीनरी को तरज़ीह दी जायेगी, जो पर्यावरण के साथ-साथ खाने की ज़रूरतों को भी पूरा करें।
इमेज: फाइल इमेज
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