सपने तो हर कोई देखता है, लेकिन उसे सच कर दिखाने की हिम्मत कम ही लोग कर पाते है। कश्मीर की एक 26 साल की लड़की ने अपने मज़बूत इरादों की बदौलत अपने सपने को सच कर दिखाया है। नाहिदा मंजूर एवरेस्ट फतह करने वाली पहली कश्मीरी महिला बन गई हैं।
सच हुआ बचपन का सपना
नाहिदा मंजूर ने माउंट एवरेस्ट फतह करके भारतवासियों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। उनके एवरेस्ट फतह करने की जानकारी ट्रांससेड एडवेंचर्स के फेसबुक पेज पर दी गई। दरअसल, इसी ग्रुप के अभियान के तहत नाहिदा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर गई। नाहिदा शेरपा गाइड नीमा कांचा के साथ शिखर पर पहुंची। इससे पहले वह तब चर्चा में आई थी, जब उन्होंने अपने सपनों के पूरा करने के लिए क्राउडफंडिग का सहारा लिया था। दरअसल, पर्वतारोहण के लिए बहुत खर्च होता है और नाहिदा के पास इतने पैसे नहीं थे जिसके बाद उन्होंने क्राउडफंडिग का सहारा लिया था।

दस साल की उम्र में पहला सफर
अब तक कई चोटियां फतह कर चुकी नाहिदा ने दस साल की उम्र से ही पर्वतारोहण शुरू कर दिया था। उनके कहना है कि अपनी पहली यात्रा के दौरान ही उन्होंने खुद से वादा किया था कि वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को ज़रूर फतह करुंगी और अब उनका सपना पूरा हो चुका है।
आठ लोगों के साथ शुरू की थी यात्रा
नाहिदा ने आठ अप्रैल को आठ पर्वतारोहियों के साथ मिशन एवरेस्ट की शुरुआत की थी। दरअसल, नाहिदा के टैलेंट को देखते हुए उनका सिलेक्शन उत्तराखंड में 5975 मीटर ऊंची चोटी स्वर्णरोहिणी चोटी अभियान के लिए किया गया था। वह श्रीनगर के टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर नौगाम में आर्टिफिशयल दीवार पर हर हफ्ते तीन दिन कड़ी प्रैक्टिस करती थी। आपको बता दें कि पर्वतारोहण के साथ ही नाहिदा खो-खो, कबड्डी, वॉलीबॉल की भी अच्छी खिलाड़ी हैं, वह राइफल शूटिग भी करती हैं और कई प्रतियोगिता जीत चुकी हैं।
पैसों की कमी के बावजूद अपनी हिम्मत, जज़्बे और जूनून की बदौलत नाहिदा ने अपना सपना पूर कर लिया। उम्मीद है कि उन्हें देखकर दूसरे लोग भी अपने सपनों को जूनून की हद तक पूरा करने की कोशिश करेंगे।
इमेज : ट्विटर
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