क्या आप एक समझदार माता-पिता हैं?

क्या आप एक समझदार माता-पिता हैं?


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समझदार माता-पिता बनने के आसान तरीके
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आपका रिऐक्शन कैसा होगा, अगर आपके बच्चे ने पोंछा लगने के तुरंत बाद फर्श पर पानी डाल दिया? अगर आप गुस्से में उस पर चिल्लाएंगे, डांटेंगे या फिर उसे प्यार से साफ करने को कहेंगे?  जैसा व्यवहार आप करेंगे, वैसा ही बच्चा भी सीखेगा।

खुद को शांत रखकर स्थिति को समझते हुए व्यवहार करना माइंडफुल कहलाता है। आपके इमोशन इस बात पर आधारित होते हैं कि बचपन में आपको किस तरह से संभाला गया है, आप बचपन में कितने शांत या तनावपूर्ण थे। आजकल की स्थिति में हर किसी के लिए तनावपूर्ण होना एक आम बात है। जब एक बार आप तनावग्रस्त हो जाते हैं, तो आपकी भावनाएं आपके ऊपर हावी हो जाती हैं। आप अपने आसपास के लोगों की अच्छाई देखने की बजाय उनकी कमियां देखने लगते हैं और यह भूल जाते हैं कि एक छोटा बच्चा आपसे सब कुछ सीख रहा है।

बच्चों को कभी-कभार डांटना भी पड़ सकता है, लेकिन अपने इस व्यवहार को अगली बार हावी न होने दें। कभी भी बिना सोचे समझे किसी भी स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया न दें।

बच्चे  को समझाएं
बच्चे को समझाएं |इमेज : फाइल इमेज

समझदार माता-पिता बनने के आसान तरीके

जवाबदेह – अपने बच्चे को हमेशा तर्क से जबाव दें, न कि किसी भावना के आवेश में।

स्वीकारें – अपने बच्चे के एक्शन्स पर आपका रिऐक्शन इस बात पर आधारित होता है कि बचपन में आपके साथ कैसा व्यवहार किया गया है। अगर आपको गुस्सा आता है, तो उसे स्वीकार करें और खुद को बदलने की कोशिश करके अच्छे माता-पिता बनें।

जज न करें – बच्चे सीखेंगे, भूलेंगे, गलतियां करेंगे, लेकिन यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि उन्हें बार-बार सिखाएं। हर बार याद रखें कि क्या आपने कभी गलती नहीं की या फिर कभी फेल नहीं हुए? आलोचना या लगातार जज करने से आपके बच्चे का आत्म-सम्मान कम होगा।

अपने बच्चे के लिए मौजूद रहें – केवल सामने रहकर ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक तौर पर भी बच्चे के लिए मौजूद रहें। ध्यान दें कि बच्चे के पास हाथ में मोबाइल फोन लेकर बैठ जाने को मौजूदगी नहीं कहते।

समझदारी से काम लेना करेगा आपको मदद

जब आप अपने एक्शन और अपने विचारों को अच्छे से समझने लगेंगे, जिससे आप अपने बच्चे के साथ अच्छा समय बिताना शुरु कर देंगे। आप उनकी ज़रूरतों को पहचानने लगेंगे और पूरा करने की कोशिश करेंगे। जैसे-जैसे आप अपने बच्चे को झिड़कना कम कर देंगे तो वह आपकी कद्र करने लगेगा और आपकी बात को महत्व देने लगेगा। आपकी प्रतिक्रिया शांत होने लगेंगी और आपका अपने बच्चे के साथ बेहद गहरा संबंध बन जाएगा।

यह सभी तरीके दिल्ली में रहने वाली एक कामकाजी मां अनन्या ने खुद अपने पांच साल के बेटे पर अपनाकर देखे हैं।

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