फौलादी इरादों से हरा दी हर मुश्किल

फौलादी इरादों से हरा दी हर मुश्किल

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यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक है। छात्र सालों इसकी तैयारी में लगा देते हैं। कड़ी मेहनत करने वाले ही इस एग्ज़ाम को क्लियर कर पाते हैं, लेकिन इस बार का यूपीएससी का एग्ज़ाम बहुत खास रहा, क्योंकि आम छात्रों के साथ ही दो ऐसे छात्रों ने परीक्षा दी है, जो हर पल ज़िंदगी की लड़ाई रह रहे हैं।

“कौन कहता है आसमां में सुराग नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों।”

इन लाइनों को केरल को दो छात्रों ने सही साबित कर दिया है। एक है, लथीसा अंसारी और दूसरे हैं शहिन। दोनों ही जन्म से दुर्लभ बीमारी के शिकार है, मगर इनके हौसलें इतने बुलंद है कि देश की सबसे कठिन परीक्षा दे दी और हर कोई उनके इस कारनामे से अचंभित है।

फौलादी इरादों से हरा दी हर मुश्किल
कड़ी मेहनत का फल मीठा होता है  | इमेज : द हिंदू

हड्ड‍ियों की एक दुर्लभ बीमारी

यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में जब केरल के कोट्टम की लथीसा अंसारी पहुंची, तो हर कोई हैरान रह गया क्योंकि लथीसा व्हील चेयर और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ परीक्षा हॉल में पहुंची। जिन हालात में इंसान आमतौर पर मायूस हो जाते हैं, उन कठिन परिस्थितियों में भी लथीसा का आत्मविश्वास काबिले तारीफ है। उन्हें जन्‍म से ही हड्ड‍ियों की एक दुर्लभ बीमारी है, जिसकी वजह से वह सामान्य लोगों की तरह चल फिर नहीं सकती। इसे ब्र‍िटल बोन डिज़ीज भी कहा जाता है। इस बीमारी की वजह से हड्डियों का विकास नहीं हो पाता है।

हर महीने खर्च होते हैं 25 हजार

इस बीमारी के साथ ही पिछले कुछ सालों से लथीसा हाइपरटेंशन भी हो गया, जिसकी वजह से सांस लेने के लिए हमेशा उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की ज़रूरत पड़ती है। हर महीने उनके इलाज पर 25 हजार रूपए खर्च होते हैँ। 24 साल की लथीसा दिखने में भले ही सामान्य नहीं है, लेकिन उनका जज़्बा और हौसला किसी भी सामान्य इंसान से कहीं ज़्यादा है। हर काम के लिए पिता पर निर्भर रहने वाली लथीसा अब आत्मनिर्भर बनना चाहती है।

फौलादी इरादों से हरा दी हर मुश्किल
कड़ी मेहनत का फल मीठा होता है  | इमेज : फाइल इमेज

शहिन का सपना

लथीसा की तरह ही कोट्टम के शहिन ने भी यूपीएससी की परीक्षा देकर सबको हैरत में डाल दिया। वह ऐसी दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है, जिसमें बच्चों की मोटर स्किल्स डेवलप नहीं हो पाती। इसके अलावा उन्हें आर्थराइटिस भी है, बावजूद इसके वो अपने सपनों को पूरा करने में जुटे हुये है। पॉलिटिकल साइंस से एमए करने वाले शहिन पहले भी दो बार यह परीक्षा दे चुके हैं। शहिन को क्रिकेट बहुत पसंद है और वह इंटर कॉलेज क्रिकेट टूर्नामेंट में कॉमेंट्री करते हैं।

शहिन और लथीसा का जज़्बा हर उस इंसान को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है, जो छोटी-छोटी मुश्किलों से घबरा जाते हैं।

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