लंबी दूरी की यात्रा के लिए अक्सर लोग फ्लाइट से सफर करते हैं, लेकिन प्लेन में चार घंटे या उससे अधिक समय तक बैठे रहने से शरीर में खून के थक्के बनने की समस्या हो सकती है, जिसे मेडिकल भाषा में वेन थ्रोम्बोसिस कहते हैं। यदि आप भी फ्लाइट में कई घंटे सफर करते हैं, तो डीप वेन थ्रोम्बोसिस के खतरे को कैसे कम कर सकते हैं, आइए जानते हैं।
डीप वेन थ्रोम्बोसिस एक गंभीर समस्या है, जिसमें शरीर के अंदर एक या अधिक नसों में खून के थक्के हो जाते है। आमतौर पर ऐसा पैर के निचले हिस्से और जांघों, लेकिन यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है। डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या होने पर पैरों में सूजन और दर्द भी होता है।
देर तक बैठने से डीप वेन थ्रोम्बोसिस का खतरा
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक, जब आप कई घंटों की यात्रा करते हैं और एक ही जगह बैठे रहते हैं खून के थक्के बनने लगते हैं। कई घंटों तक पैरों को निष्क्रिय रखने के कारण ये थक्के बनने शुरू हो जाते हैं। यदि ये ब्लड क्लॉट टूट जाएं, तो यह फेफड़ों तक पहुंचकर आर्टरी को अवरुद्ध कर सकते हैं।
ज़्यादा खतरा किन्हें है?
- प्रेग्नेंट महिला
- डायबिटीज़ पेशेंट
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़
- 60 साल के अधिक उम्र के बुज़ुर्ग
- ऐसे लोग जिनके परिवार में ब्लड क्लॉटिंग का इतिहास है
- जिन्हें पहले भी ब्लड क्लॉट की समस्या हो चुकी है।
- यदि किसी व्यक्ति की हाल ही में सर्जरी हुई है तो उसे भी डीवीटी का जोखिम अधिक होता है।
डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लक्षण
- पैर के निचले हिस्से और टखनों में सूजन।
- पैरों में बहुत तेज दर्द।
- पैर यदि बाकी शरीर के मुकाबले अधिक गर्म है, तो यह है डीप वेन थ्रोम्बोसिस के कारण हो सकता है।
- पैरों की त्वचा का पीला, लाल या नीला पड़ना।
- उठने या चलने पर पैरों में बहुत दर्द होना
यूं करें बचाव
डीप वेन थ्रोम्बोसिस की मुख्य वजह अधिक देर तक निष्क्रिय बैठे रहना है। इस समस्या से बचने के लिए आप निम्न कदम उठा सकते हैं।
- यदि फ्लाइट में 4 घंटे से अधिक समय तक बैठना है तो बैठे-बैठ ही पैर को हिलाते रहें। पैरों को आगे-पीछे, दाएं-बायें अलग-अलग तरीके से घुमाएं। इससे मांसपेशियां एक्टिव रहेंगी और ब्लड क्लॉट नहीं बनेगा।
- सफर के दौरान ढीले और आरामदायक कपड़े ही पहनें।
- हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। रोज़ कसरत करें और हेल्दी फूड खाएं। नियमित कसरत से ब्लड क्लॉट की समस्या नहीं होती है।
- डॉक्टर से रेग्युलर चेपअप करवाएं। ब्लड प्रेशर भी चेक करवाते रहें। दवाइयां डॉक्टर के निर्देशानुसार ही खाएं।
- गलत आदतों से बचें और वजन नियंत्रण में रखें।
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