पानी की किल्लत तकरीबन पूरे देश में है, लेकिन चेन्नई जैसे महानगर में पानी का इतना संकट हो जायेगा, ये किसी ने सोचा भी नहीं होगा। दरअसल, पानी की बचत को लेकर जागरुकता की कमी और जल संकट को हल्के में लेने के कारण समस्या और गंभीर बनती जा रही है। मुंबई के वॉटरमैन अजीत गोखले हाउसिंग सोसाइटीज़ को पानी बचत करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि मायनगरी का हाल चेन्नई जैसा न हो।
पानी की बचत
हर साल बरसात में पानी में डूबने वाले इलाकों में भी गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत हो जाती है, क्योंकि बारिश के समय जो पानी आया उसे किसी ने इकट्ठा करने या बचाने के लिए कोई पहल नहीं करते। वॉटरमैन अजीत गोखले का कहना है कि बारिश के पानी और इस्तेमाल हो चुके पानी को फिर से इस्तेमाल लायक बनाकर और अंडरग्राउंडर पानी का लेवल बढ़ाकर पानी की कमी की समस्या दूर की जा सकती है, लेकिन इसके लिये लोगों को पहले पानी की अहमयित समझनी होगी। अजीत मुंबई की हाउसिंग सोसइटियों को बारिश के पानी का संचय करने की तरकीब सुझायी। कुछ ने इस पर अमल किया और नतीजा हैरान करने वाला रहा।
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग
मुंबई के पवई इलाके की एक सोसायटी ने बारिश का पानी इकट्ठा करने की सोची लेकिन छत पर पानी जमा करने और हार्वेस्टिंग के लिए पाइप का खर्च बहुत ज़्यादा आ रहा था, तो फिर उन्होंने दूसरी तरकीब निकाली और बहते हुए बारिश के पानी को रेत, ग्रेवाल के ज़रिये फिल्टर करके इकट्ठा किया जाने लगा। इस काम में सिर्फ लाख रुपये का खर्च आया। इस तरीके से पानी को बोरवेल में जमा किया। इस पानी से कई महीनों तक सोसाइटी की ज़रूरत पूरी हो जायेगी।
इस्तेमाल हुए पानी का दोबारा उपयोग
ग्रे वॉटर यानी नहाने, बर्तन धोने और वॉशिंग मशीन आदि की सफाई से निकला पानी। ज़रा सोचिये, इन सब में बर्बाद हुये पानी को यदि दोबारा इस्तेमाल किये जाने लायक बना दिया जाये, तो कितनी बचत होगी। खार इलाके की एक सोसायटी ने ग्रे वॉटर को दोबारा इस्तेमाल लायक बनाने के लिये ज़रूरी इंफ्रास्टक्चर, पाइप और फिल्टर लगाये। इससे बाथरूम से निकलने वाला पानी बायो फिल्टरेशन से गुज़रता है और इसकी गंदगी जैसे- बाल, साबुन आदि साफ हो जाता है। इस पानी को दोबारा फ्लश में इस्तेमाल किया जा सकता है।
ज़मीन में पानी का रिसाव
अंधेरी की एक सोसाएटी ने ज़मीन के अंदर पानी का स्तर बढ़ाने का अनोखा तरीका निकाला। बारिश के पानी को ज़मीन के अंदर जाने का रास्ता देने के लिए गटर को थोड़ा खोल दिया गया। इस तरीके से अंडरग्राउंड पानी बढ़ा और बोरवेल दोबारा भर गया।
पानी की बचत के लिए आप भी पहल करें-
- शॉवर की बजाय बाल्टी में पानी भरकर नहायें।
- ब्रश करते समय नल खुला न छोड़े।
- नल चालू करके बर्तन धोने की बजाय बाल्टी या बड़े बर्तन में पानी लेकर साफ करें।
बारिश के समय छत या घर के नीचे ऐसी व्यवस्था करें जिससे बारिश का पानी जमा हो सके।
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