जब बात टूरिज़्म की होती है, तो ऐतिहासिक इमारतें इसका अहम हिस्सा होती है। टूरिस्ट देश की ऐतिहासिक इमारतों को देखने में खास दिलचस्पी दिखाते है। इसी को ध्यान में रखते हुये पिछले कुछ समय से ऐतिहासिक धरोहरों को रोशनी से जगमगाने का काम चल रहा है। इसी कड़ी में अब कुतुब मीनार को एलईडी लाइट्स की रोशनी से सजाया जायेगा ताकि रात के समय भी इसकी खूबसूरती पर्यटकों को आकर्षित करें।
कुतुब मीनार
दिल्ली का मशहूर कुतुब मीनार रात को अब और भी भव्य दिखेगा। इसके लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) कुतुब मीनार और उसके आसपास के स्मारकों में एलईडी लाइट्स लगाने जा रहा है। कुतुब मीनार को जगमगाने के लिए करीब 300 एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल होगा। आपको बता दें कि कुतुब मीनार कोई पहली ऐतिहासिक इमारत नहीं है, जिसे रोशनी से सजाया जा रहा है, बल्कि पर्यटकों को लुभाने के लिए इससे पहले कई और ऐतिहासिक इमारतों को ऐसे ही लाइट्स से रोशन किया जा चुका है। कुतुब मीनार ईंटो से बनी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है। इसकी ऊंचाई करीब 73 मीटर है और इसमें पांच मंज़िले हैं। इसे दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्धीन ऐबक ने 1200 ई. में बनवाया था।
हुमायूं का मकबरा
विश्व धरोहरों में शामिल हुमायूं के मकबरे को भी लाइट्स से सजाया जा चुका है। सफेद संगमरमर से बने इसे मकबरे का गुंबद रात की रोशनी में बेहद खूबसूरत लगता है। खासतौर पर चांदनी रात में लाइटिंग से उसकी सुंदरता में चार चांद लग जाते है। हुमायूं का मकबरा हुमायूं की पहली पत्नी हाजी बेगम ने बनवाया था। इसे देश का पहला गार्डन मकबरा कहा जाता है। इसे बनाने में लाल सैंड स्टोन पत्थर का भी इस्तेमाल हुआ है।
इमामबाड़ा
लखनऊ की मशहूर ऐतिहासिक धरोहर इमामबाड़ा को भी कुछ साल पहले एलईडी को रोशनी से जगमग किया जा चुका है। लाइटिंग के बाद इसका आकर्षण रात के समय और बढ़ गया है। इस इमामबाड़े को असफउद्दौला ने 1784 में बनवाया था। इसमें मशहूर भूल-भूलैया भी है। दरअसल, इस इमारत की छत तक जाने के लिए जो सीढ़ियां हैं वह ऐसे रास्तों से जाती है कि इंसान भ्रम में पड़ जाता है इसलिए इसे भूल-भूलैया कहते हैं।
लाल किला
15 अगस्त 2018 के बाद से लाल किले का एक नया रूप पर्यटकों को दिखा। अब लाइटिंग की वजह से रात में भी लाल किले की खूबसूरती पर्यटक निहार सकते हैं। लाल किला शाहजहां ने बनवाया था और इसे बनाने में लाल रंग के बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल हुआ था, जिससे इसका नाम लाल किला पड़ा।
पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से एएसआई देश की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों को लाइट्स से रोशन कर रही है।
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