पिछली बार कब आप अपने माता-पिता के साथ घूमने गए थे, कब बच्चों के लिए उपहार लाए थे, कब साथी को उसकी पसंदीदा चीज़ बनाकर खिलाई थी और कब अपने भाई/बहनों की हौसलाफजाई की थी? क्या आपको सब याद है? अगर नहीं तो आपको ज़रूरत है अपने और अपनों के लिए थोड़ा वक्त निकालने की, क्योंकि तभी तो आप उन्हें खुश रख सकते हैं। इसके लिए आपको बहुत मेहनत करने या कुछ अलग से करने की ज़रूरत नहीं है, बस छोटी-छोटी बातें और आपका साथ ही उन्हें खुशियों से भर देगा और उनकी खुशी आपको सुकून देगी।
बुजुर्गों के लिए करें कुछ खास
क्या आपको याद है पिछली बार कब आप माता-पिता के पास इत्मिनान से बैठे थे? आपके किस जोक पर उनके चेहरे पर मुस्कान आई थी? अगर याद नहीं तो वक्त निकालिए और उनके पास जाकर बैठिए, उन्हें कहीं बाहर घूमाने ले जाइए। वह बच्चों से ज़्यादा कुछ पाने की उम्मीद नहीं करते हैं, बस कुछ पल का साथ ही उन्हें खुशी से भर देता है। आपका साथ पाकर उनके चेहरे पर खुशी के जो भाव आएंगे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
हमसफर को दे खास होने का एहसास
शादीशुदा जीवन में पति-पत्नी दोनों को ही एक-दूसरे की खुशियों का ख्याल रखना चाहिए। हर दिन तो नहीं, लेकिन कभी-कभार साथी को खास होने का एहसास कराइए। उन्हें बिना बताए उनकी कोई पसंदीदा चीज़ बना दीजिए, सरप्राइज़ कैंडल लाइट डिनर प्लान करिए या उनके पुराने दोस्तों को घर पर बुलाकर मस्ती भरे पलों का आनंद लीजिए। यकीन मानिए आपकी ये छोटी सी कोशिश उन्हें खुशी से भर देगी। और हां, साथी आपके लिए कुछ खास करें, तो उनकी तारीफ करना बिल्कुल न भूलें।

बच्चों की ख्वाहिशे करें पूरी
उन्हें खुश करना बहुत आसान है, फिर भी माता-पिता व्यस्त होने के कारण उन पर ज़्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं, खासतौर पर कामकाजी पैरेंट्स। मगर बच्चों की खुशी तो हर माता-पिता का सपना होती है, तो क्यों न इस बार छुट्टी में बच्चे को कहीं बाहर घुमाने ले जाएं या उन्हें कोई खूबसूरत सा तोहफा लाकर दें। वैसे बच्चों को खुश करने का एक और तरीका है कि कम से कम छुट्टी के दिन पैरेंट्स उनके साथ ज़्यादा से ज़्यादा क्वालिटी टाइम बिताएं और उनके साथ खुद भी बच्चे बन जाएं।
दोस्तों को दें वक्त
दुनिया के सारे रिश्ते एक तरफ और दोस्ती का रिश्ता एक तरफ। यह रिश्ता बहुत खास होता है, तो दोस्तों को भी तो खुश करना जरूरी है। अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर कभी-कभार दोस्तों से मिल आएं, उनके साथ बैठकर चाय का मज़ा लें और गप्पे मारें, पुराने स्कूल और कॉलेज के दिनों को याद करिए। इससे दोस्त और आप दोनों के ही चेहरे खुशी से खिल जाएंगे। अपनों को खुशी देने का एहसास जितना खूबसूरत होता है, मन को उतनी ही संतुष्टि भी मिलती है। तो अब से आप भी थोड़ा वक्त अपने और अपनों के लिए ज़रूर निकालिए, क्योंकि अपनों की यही खुशी तो आपके तनाव को दूर करने की दवा है।
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