हर इंसान अपने जीवन में कुछ न कुछ हासिल करने की कोशिश में लगा रहता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा वक्त आता है, जब वो अपने किसी डर की वजह से रुक जाता है या फिर अपने लक्ष्य की दूरी देख कर थक जाता है। ऐसे में उसे ज़रूरत होती है एक ऐसे व्यक्ति की, जो उसका हौसला बढ़ाये ताकि वह अपने कदम आगे बढ़ा सके। यूं तो जीवन में कई लोग हौसला देते है लेकिन किताबें आपको मोटिवेट करने का सबसे बढ़िया ज़रिया हो सकता है। किताबें ही वो ज़रिया हैं, जिनसे आप दुनिया के प्रसिद्ध लोगों की प्रेरणादायक कहानियां पढ़ सकते हैं।
ऐसे ही लोगों में से एक हैं, स्वामी विवेकानंद, जिनकी ढ़ेरों प्रेरणादायक कहानियां है और उनमें से एक है कि जब आपको डर लगे, तो हिम्मत से उसका सामना करो।
अपने डर को डरायें
एक बार स्वामी विवेकानंद मंदिर से वापस आ रहे थे। उनके रास्ते में एक छोटी से गली पड़ती थी। उस तंग गली के एक तरफ पानी की बड़ी सी टंकी थी और दूसरी तरफ ऊंची दीवार। उस दीवार पर बहुत सारे बंदर बैठे हुये थे, जो उनको रास्ता पार नहीं करने दे रहे थे। स्वामी विवेकानंद जितनी बार भी कदम बढ़ाते, वे सभी बंदर ज़ोर-ज़ोर से शोर मचाकर अपना गुस्सा दिखाने लगते।
विवेकानंद ने काफी कोशिश की, लेकिन जब उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझा, तो वह अचानक तेज़ी से भागने लगे। जैसे ही उन्होंने भागना शुरू किया, तो सभी बंदर उनके पीछे भागने लगे। विवेकानंद काफी डर गये लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें।
इतने में एक बड़ा बंदर उन्हें काटने दौड़ा, तो वहां से गुज़र रहे एक बुजुर्ग ने विवेकानंद को ज़ोर से चिल्लाकर कहा, ‘उसका सामना करो’। जैसे ही विवेकानंद ने यह बात सुनी और बात समझते ही वह पलटे। उन्होंने बंदर की आंखों में हिम्मत से देखा और उन्हें देखकर हैरानी हुई कि जो बंदर उन्हें काटने आ रहा था, वह अचानक वापस जाने लगा। इसके साथ बाकी सभी बंदर भी वापस जाने लगे।
सीख
यह कहानी सीख देती है कि आपको किसी काम से डरकर नहीं भागना चाहिये। स्थिति कैसी भी हो, अगर आप उसका डटकर सामना करते हो, तो समस्यायें अपने आप हल होने लगती है।
और भी पढ़े: पैरेंटिंग स्टाइल से मिलेगी बच्चों को सफलता
अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर भी जुड़िये।