हर महीने आपकी सैलरी तो फिक्स होती है, मगर खर्चें फिक्स नहीं होते। कभी किसी की बीमारी तो कभी घर का कोई बड़ा सामान खरीदने पर बजट पूरी तरह से हिल जाता है और फिर रोज़मर्रा के खर्च के लिए भी पैसे नहीं बच पाते। इसलिए मनी मैनजमेंट यानी पैसों को सही हिसाब-किताब तय करना बहुत ज़रूरी है ताकि खर्च आमदनी से अधिक न हो, क्योंकि ऐसा होने पर आप कर्ज क बोझ तले दब सकते हैं। अपनी हर महीने की सैलरी से कुछ पैसे बचाने के लिए आपको अपनी ज़िंदगी और खर्च की आदतों में थोड़ा बहुत बदलाव करना होगा।
बजट बनाएं
यह बहुत ही ज़रूरी काम है। इससे आपको अपनी आमदनी और खर्च के बीच का अंतर समझ आएगा। आपको सैलरी के अलावा यदि कहीं और से आमदनी होती है उसे भी लिखें और उसके बाद महीने सामान्य खर्च की लिस्ट बनाएं और देखें कि आमदनी से क्या कुछ पैसे बच रहे हैं और अपने किस खर्च में आप कटौती कर सकते हैं।
भविष्य के लिए प्लानिंग
यदि आपके बच्चे अभी स्कूल में पढ़ रहे हैं, तो उच्च शिक्षा या उनकी शादी के लिए अभी से इनवेस्ट करना शुरू कर दीजिए। बैंक, म्यूचुअल फंड आदि में आप बच्चों के भविष्य के लिए पैसे जमा कर सकते हैं ताकि कल को एक साथ बड़ी रकम की ज़रूरत पड़े तो आपको किसी से कर्ज न लेना पड़ा। इसके लिए हर महीने एक निश्चित धनराशि अपनी आमदनी से अलग करके इनवेस्ट कर दें।
हर महीने कुछ पैसे बचाएं
यदि किसी महीने आमदनी से कुछ पैसे इमरजेंसी फंड में रखें, क्योंकि आज के समय में पता ही नहीं चलता कब कोई बीमार हो जाए और मेडिकल सुविधाएं इतनी महंगी हो चुकी हैं कि यदि आपके पास पर्याप्त पैसे न हों, तो अच्छे अस्पताल में इलाज मुश्किल है, इसलिए एक निश्चित राशि हर महीने बचाने की कोशिश करें।
क्रेडिट कार्ड के अधिक इस्तेमाल से बचें
क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करना भले ही लोगों को सुविधाजनक लगता है, मगर यह बहुत ही खर्चीला तरीका है, कैश में शॉपिंग करने की तुलना में इसमें खर्च अधिक हो जाता है। चूंकि लोगों की यह मानसिकता होती है कि पेमेंट तो बाद में ही करना है तो आराम से शॉपिंग कर लेते हैं, ऐसे में गैरज़रूरी चीज़ें भी खरीद लाते हैं।
समय पर बिल का भुगतान
अपने घर के हर तरह के बिल का भुगतान तय समय पर करें, वरना देरी से बिल भरने पर आपको ज़ुर्माना देना होगा यानी फिज़ूल में पैसे खर्च होंगे। इसलिए चाहे गैस का बिल हो या लाइट का, इसे समय पर भर दें।
बड़े खर्च के लिए नकद जमा करें
मकान और कार जैसी बड़ी खरीददारी के लिए लोन लेना तो ठीक है, लेकिन अन्य बड़े खर्च के लिए लोन लेकर बेकार में ब्याज़ भरना सही नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि ऐसी चीज़ों की खरीददारी को थोड़ा टालकर उसके लिए हर महीने पैसे जमा करना शुरू कर दीजिए, इससे एक फायदा यह भी होगा कि आपको सोचने का समय मिल जाएगा कि क्या वाकई ही आपको उस चीज़ की ज़रूरत है। साथ ही लोन पर ब्याज़ चुकाने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
जल्दबाज़ी में न करें शॉपिंग
चाहे आपको कपड़े खरीदने हों या घर का सामान, जल्दबाज़ी में शॉपिंग करने की बजाय आराम से कई दुकानों (ऑनलाइन शॉपिंग के समय कई वेबसाइट) पर सामान के कीमत की तुलना कर लें और जहां सस्ता हो वहीं से खरीदें।
खर्च पर नज़र रखें
अपने रोज़मर्रा के खर्च पर नज़र रखें, इससे आपको अंदाज़ा मिलेगा कि आप किन खर्चों में कटौती कर सकते हैं। जैसे आप यदि महीने में 4 बार होटल में खाने जाते हैं तो उसे घटाकर 2 कर सकते हैं। हमेशा सेल देखकर नए कपड़े/जूते खरीदने की बजाय जब ज़रूरत हो तभी उसे खरीदें।
लोन जल्द चुकाएं
यदि आपने मकान या कार के लिए लोन ले रखा हैं तो ईएमआई के रूप में हर महीने बड़ी रकम चुकानी पड़ती है, जिसमें मूल कम और ब्याज़ की राशि अधिक होती है। ऐसे में अपने बाकी खर्च में कटौती करके जितनी जल्दी हो सके लोन खत्म करने की कोशिश करें।
थोक में खरीददारी
ग्रोसरी आइटम्स जैसे राशन का सामान, साबुन, घर की सफाई की सामग्री आदि जिनकी हर महीने ज़रूरत पड़ती हैं, इन्हें थोक में खरीदें या जब कोई ऑफर चल रहा हो तो अधिक मात्रा में खरीद लें, इससे कुछ पैसों की बचत होगी। उम्मीद है कि इन तरीकों से आप हर महीने बचत कर सकते हैं।
और भी पढ़िये : जानिए क्या हैं आपकी भावनाएं – एकांत या अकेलापन
अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर भी जुड़िये।