5 तरीके अपनाकर दुख से उबरना सीखे

5 तरीके अपनाकर दुख से उबरना सीखे

अगर आप किसी को खोने के दुख से उबरना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने मन को शांत करें।
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जीवन में किसी खास को खोने का दुख बहुत गहरा हो सकता है, फिर चाहे वो ‘खास’ कोई चीज़ हो, आपका काम या व्यापार हो, या फिर आपका करीबी कोई व्यक्ति हो। हर व्यक्ति के लिए दुख की परिभाषा अलग होती है और उससे उबरने का तरीका भी अलग होता है। डॉ. एलिज़ाबेथ कबलर – रॉस ने साल 1969 में बताया था कि, ‘दुख किसी को खोने का बाद होने वाली भावनात्मक प्रतिक्रिया है।’ जब कोई व्यक्ति दुखी होता है तो उसकी प्रतिक्रिया उस स्थिति को मानने से इंकार करने की होती है, फिर उसके अंदर क्रोध, परिस्थिति से सौदा करना, डिप्रेशन और आखिर में उसे स्वीकार करने की भावनाएं पैदा होती हैं। यह भावनाएं हर व्यक्ति में अलग-अलग क्रम में पैदा होती हैं।

अगर आप किसी शोक से ग्रस्त हैं, तो इन 5 तरीकों को अपना कर अपने मन को शांत कर सकते हैं:

अपनी भावनाओं को स्वीकार करें

जीवन में किसी भी चीज़ से उबरने के लिए उसे स्वीकार करना पड़ता है। अगर आपके मन में किसी के खोने का गम है, तो पहले इस परिस्थिति को स्वीकार करें कि वह अब आपके साथ नहीं है। अपने प्रति संवेदना रखें और खुद को जज किए बिना उस पल में जैसा महसूस कर रहे हैं, करने दें।

अपनी भावनाओं को किसी के साथ साझा करें

जितना ज़रूरी अपनी भावनाओं को स्वीकार करना होता है, उतना ही ज़रूरी उन्हें किसी के साथ बांटना भी होता है। हर व्यक्ति अपने मन की बात अलग-अलग तरीके से अभिव्यक्त करता है। किसी को अपने मन की बात लिख कर सुकून मिलता है, तो कोई बात कर के अपने मन को हलका करता है, कोई स्क्रैपबुक के ज़रिए तो कोई डांस कर के अपने मन को शांत कर पाता है। आपको जो भी तरीका अच्छा लगे, अपने मन को शांत करना बेहद ज़रूरी है।

लोगों की मदद लेने से झिझके नहीं । इमेज : फाइल इमेज
लोगों की मदद लें

जब आपका मन शोकाग्रस्त हो तो उससे उबरने के लिए लोगों की मदद लेने से झिझके नहीं। आप चाहें तो किसी आध्यात्मिक गुरू या किसी मनोचिकित्सक से मिलें। जिसके साथ बात करने से सुकून मिले, उससे अपने खोए हुए व्यक्ति के बारे में बातें करें। और यह भी याद रखें कि जिस तरह आपको लोगों की ज़रूरत है, वैसे ही और भी लोग हैं, जिन्हें आपके सहारे की ज़रूरत हो सकती है। आगे बढ़ें और मदद करें। अपने मन और दूसरों के मन की शांति के बीच एक सामंजस्य बनाएं।

अपना और अपने से जुड़े लोगों का ख्याल रखें

जब आपका मन दुखी हो तो उसका असर आपके साथ-साथ आपसे जुड़े लोगों पर भी पड़ता है। ऐसे में खुद का ख्याल रखेंगे, तब ही अपनों का भी ख्याल रख सकेंगे। कितना भी मुश्किल क्यों न लगे, खुद के बारे में सोचें, समय से खाएं, कसरत और मेडिटेशन के लिए समय निकालें।

यादों को संजो कर रखें

जाने वाले तो चले जाते हैं लेकिन आप उनकी अच्छी यादों को संजो कर रख सकते हैं। आप उन्हें यादगार बनाने के लिए कुछ कर सकते हैं, जैसे उन के नाम से पेड़ लगाएं, दान करें, उनके नाम से मेडिटेट करें या इस तरह की कोई और चीज़ करें।

अपने कहीं नहीं जाते हैं, अगर चले भी जाएं तो वो यादों में सिमट जाते हैं। उनकी यादों को संभालने के लिए सबसे पहले आपको खुद को संभालना होगा। आपका मन शांत होगा तभी आप आपने से जुड़े लोगों का खयाल रख सकेंगें।

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