डायरी लिखने के आसान व उपयोगी 5 उपाय

डायरी लिखने के आसान व उपयोगी 5 उपाय

आप किसी एक या अधिक विषय पर डायरी लिख सकते हैं
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डायरी लिखने से न सिर्फ मन का बोझ हल्का होता है, बल्कि इससे आपकी क्रिएटिविटी बढ़ती हैं और चीज़ें याद भी रहती हैं। वैसे तो डायरी में अपने मन की बात ही लिखी जाती है जिसके लिए किसी नियम-कायदे को अपनाने की ज़रूरत नहीं होती, जो भी आपके मन में आए उसे लिख सकते हैं, लेकिन फिर भी आप यदि अपनी डायरी को और बेहतरीन बनाना चाहते हैं या पहली बार डायरी लिखने की सोच रहे हैं, मगर समझ नहीं पा रहे कि शुरुआत कैसे करनी है, तो आपको इस लेख से मदद मिल सकती है।

क्या लिखना चाहते हैं?

सबसे पहले तो खुद से सवाल करें कि आप डायरी में आखिर लिखना क्या चाहते हैं, क्योंकि लिखने के लिए तो हज़ारों विषय है जैसे हर दिन जीवन में होने वाली कोई खास घटना, फूड के बारे में, फैशन, अपने सफर की यादें, दोस्तों या स्कूल/कॉलेज लाइफ से जुड़ी बातें, परिवार या किसी खास व्यक्ति क बारे में। आप एक ही डायरी में सब कुछ नहीं लिख सकते, लेकिन आप एक साथ कई डायरी ज़रूर लिख सकते हैं यदि दिलचस्पी और समय हो तो।

लिखने का समय निश्चित करें

डायरी या जर्नल लिखना एक आदत है इसलिए निरंतरता बनाए रखना ज़रूरी है। रोज़ाना एक समय निश्चित करें जब भी आप फ्री हों और उस समय आराम से लिखें। अगर आपका लिखने का समय निश्चित नहीं है, तो बेहतर होगा कि छोटे साइज की डायरी हमेशा अपने पास रखें ताकि जब भी मन में कुछ आए और समय मिले आप लिख सकें।

डायरी लिखने से मूड सही रहता है । इमेज : फाइल इमेज

हर दिन लिखना है ज़रूरी

ऐसा नहीं है कि एक दिन लिखने के बाद आप कहें कि मूड नहीं है और फिर हफ्ते भर कुछ लिखे ही नहीं, ऐसे में डायरी लिखने का उद्देशय पूरा नहीं होगा। भले ही आप चंद लाइने ही लिखें, लेकिन रोज़ाना कुछ न कुछ लिखते रहना ज़रूरी है। हां, कभी बीमारी या किसी ज़रूरी काम की वजह से

समय नहीं मिल पाया तो अगले दिन या 2 दिन बाद जब भी समय मिले लिखना शुरू कर दें, इस आदत को छोड़े नहीं।

तारीख ज़रूर लिखें

डायरी या जर्नल लिखते समय तारीख ज़रूर डालें, ताकि भविष्य में जब कभी उस लिखे पन्ने को देखें तो आपके ज़ेहन में उस दिन की यादें ताज़ा हो जाए।

ईमानदारी से लिखें

याद रखिए डायरी आप किसी दूसरे को खुश करने के लिए नहीं लिख रहे हैं, बल्कि खुद के लिए लिख रहे हैं, इसलिए पूरी ईमानदारी से अपने विचार व भावनाओं को शब्दों में पिरोए, कुछ भी मनगढंत या बढ़ा-चढ़ाकर न लिखें।

दूसरों की राय न ले

आपके मन में क्या है और आप कैसा महसूस कर रहे हैं इसे जिन भी शब्दों में आपको बयां करना आता हो वैसे ही लिखें, भले ही भाषा बहुत अच्छी न हो, लेकिन यहां भाषा से ज़्यादा भावनाओं की अहमियत है। इसलिए अपने मौलिक विचारों के लिखें किसी और कि सलाह लेकर लिखने का कोई मतलब नहीं है।

फोटो या ड्रॉइंग बनाएं

यदि आप किसी दिन की खास बातों को आकर्षक ढंग से जीवन भर याद रखना चाहते हैं तो इस दिन लिखने के साथ ही पन्ने पर कोई फोटो चिपका दें या ड्राइंग बना दें। जैसे आप अपने किसी पुराने और खास दोस्त के साथ कोई बहुत अच्छी फिल्म देखकर आए हैं और आप इस दिन को हमेशा याद रखना चाहते हैं, तो उस दिन कि यादों को लिखने के साथ ही फिल्म की टिकट या आप दोनों की कोई सेल्फी का प्रिंटआउट लगा सकते हैं।

लिखने से मन का बोझ, तनाव और डिप्रेशन कम होता है, इसलिए लिखने की आदत डालना आज के माहौल में हर किसी के लिए ज़रूरी है।

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