क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि पहले आप बहुत अच्छे मूड में थे, लेकिन कुछ लोगों की बातों ने या फिर उनके व्यवहार के कारण आप दुखी हो गए। ऐसा होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन अगर व्यक्ति अपने भावनाओं पर काबू पा लेता है, तो उसके भावना को कोई कितना भी चोट पहुंचाने की कोशिश करें, वह अपने भाव को उसपर हावी होने नहीं देता।
कुछ ऐसे ही 7 उपाय है, जिसकी मदद से आप अपनी भावनाओं को किसी के द्वारा ठेस पहुंचाने पर बचा सकते हैं-
ध्यान न दे गपशप पर
आप गपशप को रोक नहीं सकते, लेकिन गपशप के बारे में पता चलने पर आप क्या करेंगे, यह आपके हाथ में है। हो सकता है कि ये गपशप आपके बारे में हो और इससे आपको दुख हुआ। ऐसे में आप दो काम कर सकते हैं, जिससे खुद के भाव को ठेल लगने से बचा सकते हैं।
पहला नज़रअंदाज कर दीजिए इससे आपको किसी बात का बुरा नहीं लगेगा।
दूसरो अगर गपशप करने वाले के बारे में जानते हैं, तो उससे बात करें और बातों को सुलझाएं।
जैसे चल रहा है चलने दें
कभी-कभी जैसा व्यक्ति अपने जीवन में योजना बनाता है, वैसा हो नहीं पाता। जिसके कारण वह दुखी हो जाता है। ऐसे समय वह अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते और फिर इस वजह से वह खुद ही अपने लिए मुश्किल भी खड़ी कर लेता है। इसलिये दुखी होने से बेहतर है कि जीवन में उन चीज़ों को जाने दें, जिन्हें आप नियंत्रित नहीं कर सकते।
विश्वास को अपने डर से बड़ा बनाएं
जो ज़िंदगी की चुनौतियों का सामना करने से डरता है, उसका असफल होना निश्चित है। अगर आज व्यक्ति अपने डर पर काबू नही पाएंगे तो कल यही डर व्यक्ति पर हावी होने लगेगा। जिसे भविष्य का भय नहीं होता, वही वर्तमान का आनंद उठा सकता है।
ऐसा कुछ भी न करें जो ठीक न लगे
व्यक्ति की भावनाओं में वह शक्ति है, जिसे वह अपने जीवन में घटने से पहले ही महसूस करने लगता है। फिर चाहे वह अच्छा या बुरा। लेकिन जो काम करने से मन में हिचक हो या शंका महसूस हो, उसे न करना ही अच्छा है। क्योंकि यही भाव व्यक्ति को जीवन में गलत राह पर जाने से रोकते है।

दूसरों को खुश करने की कोशिश न करे
अक्सर दूसरों को खुश करने के चक्कर में व्यक्ति खुद को ही कम आंकने लगता है। ऐसा नहीं कि दूसरों को खुश करना बुरी बात है, लेकिन उनकी चापलूसी करना ठीक नहीं। ऐसा करने से व्यक्ति खुद के आत्मसम्मान को कम करने लगता है। दूसरों को खुशी दो लेकिन उससे पहले खुद को खुश कर लें। अगर व्यक्ति खुद खुश होगा, तभी वह दूसरों को खुशी बांट पाएंगा।
नेगेटिव लोगों से दूर रहे
भावनाओं में बहकर लोगों के नेगेटिव बातों पर ध्यान देने से बेहतर है कि सोच को पॉज़िटिव रखें। जीवन में कई लोग मिलेंगे, जो नेगेटिव बातों से भावनात्नक चोट पहुंचा सकते हैं। ऐसे लोगों से जितना हो दूरी बनाएं और उनकी नेगेटिव बातों पर ध्यान न दें।
कुछ समय अकेले बिताने से न डरे
कभी-कभी व्यक्ति को एकांत और शांति की आवश्यकता होती है। इसका अर्थ ये है कि कुछ समय खुद को दें। जब व्यक्ति के पास खुद के लिए समय होता है, तो वह अपने अंदर की गहराई का पता लगाने में सक्षम होता है। यानी जब व्यक्ति का दिमाग शांत और एकाग्रचित होता है, तो वह किसी भी बात पर गंभीरता से सोचता है। मेडिटेशन इसी का एक हिस्सा है। ऐसा करने से आपका मन एकाग्रचित होता है और इससे शांति मिलती है।
आशा करते हैं कि ये उपाय आपके भावनाओं को सुरक्षित रखने और बढ़ाने में मदद करेंगे।
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