8 तरीकों से कराएं बच्चों की किताबों से दोस्ती

8 तरीकों से कराएं बच्चों की किताबों से दोस्ती

बचपन से ही बच्चों को पढ़ने की आदत डालें
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आजकल के बच्चे छोटी सी उम्र में गैजेट्स, टीवी की दुनिया में ही रहते हैं। इस दुनिया से निकालने के लिए उनकी बचपन से किताबों से दोस्ती कराना बहुत ज़रूरी है। इससे उनमें याद करने की शक्ति बढ़ेगी। तो फिर आप कैसे अपने बच्चों को शुरू से ही किताबे पढ़ने की आदत डलवा सकते हैं, उसके 8 तरीके दिए हैं।

रंग बिरंगे चित्रों वाली किताबों से करें शुरूआत

अगर आपका बच्चा बहुत छोटा है, तो आप ऐसी किताबें खरीदें, जिसमें रंग बिरंगे चित्र बने हो। इस तरह बच्चे पढ़ने के अलावा तस्वीर देखकर ज़्यादा समझ पायेंगे और बोर भी नहीं होंगे।

खुद बनें उदाहरण 

बच्चे को किताब दें और खुद भी अपनी कोई मनपसंद किताब पढ़ें ताकि बच्चे को पता चले कि किताबें पढ़नी चाहिए। वैसे भी बच्चे जो अपने माता – पिता को करते देखते हैं, वही खुद करने की कोशिश करते हैं।

उनकी मनपसंद किताब दिलचस्पी से पढ़ें

बच्चों को जो किताब पसंद है, उसे पहले आप पढ़कर सुनाएं और सुनाते समय एक्शन्स और डॉयलाग ऐसे पढ़े जैसे कि आपको बहुत मज़ा आ रहा है। जब बच्चा आपको इस तरह कहानी में दिलचस्पी लेते देखता है, तो उसे भी पढ़ने में मज़ा आने लगता है।

उनसे चर्चा करें

अगर बच्चा कोई कहानी पढ़ चुका है, तो उस बारे  में बात करें, जैसे कि कहानी कैसी लगी, कहानी के किरदारों में से कौन सा मनपसंद किरदार है या कहानी से क्या सीख मिली। आप खुद भी उन्हें इसके बारे में कुछ ऐसा समझाएं, जो उनसे छूट गया हो। इसी तरह से उन्हें जीवन से जुड़ी कुछ बातें सीखने को मिलेगी।

बच्चों की मनपसंद किताबें
बच्चों की मनपसंद किताबें |इमेज : फाइल इमेज

आत्मविश्वास बढ़ाये

बच्चों को नई-नई किताबों के बारे मे बताएं, उसके किताबों के ज्ञान को अपडेट करते रहे, फिर चाहे वह किताब कहानी की हो, जानवरों की या फिर कोई ऐतिहासिक। उन्हें नई किताबें लाकर देने से उनमें किताबों प्रति रुचि बनी रहेगी और इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी।

बच्चों की मनपसंद की किताब पढ़ें

हमेशा उनकी पसंद की किताबों को उठाएं, इससे उनकी दिलचस्पी बनी रहेगी। इसके अलावा उस किताब को चुने जिसे वह पढ़ना चाहते हैं। जबरदस्ती उन पर अपनी पसंद की किताबें न थोपें।

किताब पढ़ने का बनाये एक समय    

वैसे तो किताबें दिन में कभी भी पढ़ी जा सकती है लेकिन अगर एक समय बना लिया जाये तो आदत हो जाती है। जैसे कि रात को सोने से पहले कोई कहानी या किस्सा पढ़ा जाये, तो हर रोज़ बच्चा खुद ही सोने के समय किताब लेकर आप के पास आ जायेगा।  

घर पर ही बनाएं लाइब्रेरी

जब भी आप किताबे खरीदें तो उन्हें पढ़ने के बाद एक जगह बना दें, जहां बच्चा पढ़ने के बाद किताबे रखता रहें। इस तरह से कुछ समय बाद उसके पास किताबों की लाइब्रेरी बन जाएंगी। आप उसे बाद में किताब दोबारा पढ़ने को भी कह सकते हैं।

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