शहरों में अपने तक सिमटती ज़िंदगी और समय की कमी ने लोगों की पैदल चलने की आदत को बहुत कम कर दिया है और यही हाल बच्चों का भी है। नज़दीक में स्कूल होने पर भी पैरेंट्स स्कूल बस लगा देते हैं या फिर खुद ही गाड़ी से छोड़ने पहुंच जाते हैं। महज़ एक किलोमीटर की दूरी भी लोगों को ज़्यादा लगती है, लेकिन यह आदत सेहत के लिए अच्छी नहीं है। यदि आप बच्चे को मोटापे से बचाना चाहते हैं, तो उन्हें चलने और साइकलिंग के लिए प्रोत्साहित करें।
रिसर्च में खुलासा
बीएमसी पब्लिक हेल्थ, जरनल में पब्लिश हुई नई स्टडी के मुताबिक, पैदल चलने और साइकिल चलाने वाले बच्चों के मोटा होने की संभावना कम होती है। लंदन में 2000 प्राइमरी स्कूल के बच्चों पर किये अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि पैदल चलने और साइकिल चलाने वालों के मोटापे का पूर्वानुमान आसानी से लगाया जा सकता है। यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जिसमें प्राइमरी स्कूल के बच्चों के मोटापे का आंकलन करने के लिये फिज़िकल एक्टिविटी को अहम बताया गया। इसमें बच्चों के स्कूल पैदल आने-जाने से लेकर स्पोर्ट्स में भागीदारी तक को महत्वूपर्ण माना गया है।
फिज़िकल एक्टिविटी है ज़रूरी
आजकल के ज़्यादातर बच्चे पैदल चलना पसंद नहीं करते और आउटडोर गेम की बजाय मोबाइल पर गेम खेलने और टीवी पर कार्टून देखने में ज़्यादा बिज़ी रहते है। इससे उनकी मांसपेशियों का ठीक से विकास नहीं हो पाता और न ही वह मज़बूत बन पाती हैं। यही नहीं एक ही जगह पर बैठे रहने और फिज़िकली एक्टिव न होने पर छोटी उम्र से ही बॉडी फैट बढ़ने लगता है, जिसका नतीजा मोटापे के रूप में सामने आता है। आजकल गलत लाइफस्टाइल की वजह से शहरी बच्चों में मोटापा बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इससे बचने के लिये उन्हें फिज़िकली एक्टिव रखना बहुत ज़रूरी है।
वॉकिंग और साइकिलिंग के फायदे
वज़न कंट्रोल करने और फिट रहने के लिये चलना और साइकिल चलाना जितना बड़ों के लिए फायदेमंद है, उतना ही बच्चों के लिए भी। नई स्टडी में पाया गया कि जो बच्चे पैदल या साइकिल से रोज़ाना स्कूल जाते हैं, उनके मोटे होने की संभावना कम रहती है। रिसर्च के मुताबिक, वॉकिंग और साइकिलिंग खेल-कूद से भी ज़्यादा ज़रूरी है क्योंकि यह मसल्स को एक्टिव रखने के साथ ही बॉडी फैट को कम करने में मदद करता है।
बीमारियों की जड़ है मोटापा
मोटापा कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है, इसलिए ज़रूरी है कि छोटी उम्र से ही बच्चों में हेल्दी आदतें डालें। हेल्दी खाने के साथ ही उन्हें फिज़िकली एक्टिव रहने के लिए भी प्रेरित करें और हां, यदि स्कूल ज़्यादा दूर नहीं है तो बेहतर होगा कि बच्चे को पैदल ही स्कूल छोड़ आयें।
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