अक्सर लोग इस बात से डरते हैं कि कोई उन्हें अस्वीकार न कर दें, फिर चाहे बात हो नौकरी की हो, इंटरव्यू, पढ़ाई या रिश्तों की। लेकिन सच्चाई यह है कि हम में कई लोगों ने अपने जीवन में कम से कम एक बार रिजेक्शन का सामना जरूर किया होगा। दरअसल जब हमें कोई रिजेक्ट करता है, तो हम में डर की भावना पैदा हो जाती है, चाहे हम कितने भी मज़बूत क्यों न हों। खासकर इस लॉकडाउन में इसका असर छोटे-बड़े सभी पर नज़र आ रहा है। वैसे रिजेक्शन के दर्द या तकलीफ को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसके डर को दूर और कम किया जा सकता है।
भावनाओं को दबाएं नहीं
अगर आप किसी चीज में या कहीं रिजेक्ट हो जाते हैं, तो इसे खुद स्वीकार करें। चोट को मिटाने की कोशिश न करें या दिखावा न करें कि यह दर्दनाक नहीं है। यह सोचे की आप रिजेक्ट होने पर क्या महसूस कर रहे हैं या किससे अपनी भवनाओ को कहें। परिवार या दोस्तों में किसी ऐसे व्यक्ति को चुनें जो आपकी बात सुनेगा और मदद करेगा। ऐसा करने से न सिर्फ मन हल्का होगा, बल्कि सामान्य रूप से रिजेक्शन को सुधारने में खुद की मदद कर सकोंगे।
पॉज़िटिव सोच रखें
खुद को याद दिलाते रहें कि यह जीवन का सिर्फ एक पड़ाव है जो बेहतर हो जाएंगी। उतार-चढ़ाव जीवन का एक हिस्सा है, जो केवल आगे ले जाता है। पॉज़िटिव सोच रखें और अपनी परिस्थितियों को अच्छा करने के लिए रिजेक्शन को स्वीकार करें और फिर से कोशिश करें। ऐसा करने से नेगेटिव विचारों को दूर रखने में मदद मिलेगी और चीजों को बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
स्वस्थ आदतों में व्यस्त रहें
कभी-कभी रोज़मर्रा की चीज़ें जैसे घर के काम या ऑफिस के काम के आगे सेहत का ख्याल न रखने पर भी जीवन में इसका प्रभाव पड़ता है। हो सकता है कि आपकी नींद पूरी नहीं हुई हो या किसी तनाव में ठीक से खाना खा रहे हो आदि। ये चीजें निश्चित रूप से स्वस्थ तरीके से रिजेक्शन को संभालना कठिन बना सकती है। इसलिए एक चीज जो आप बेहतर तरीके से सामना करने के लिए कर सकते हैं। जैसे कि स्वस्थ जीवन शैली का नेतृत्व करना यानी आपकी जीवनशैली जितनी स्वस्थ होगी, कठिन परिस्थितियों से निपटने के लिए आपके पास उतने ही अधिक संसाधन होंगे।
दर्द से उभरने के लिए लें समय
जिस समय रिजेक्शन का सामना करते हैं, उस समय यह सोचने की ज़रूरत नहीं कि ऐसा क्यों हुआ है या फिर खुद को कोसे नहीं। बल्किं खुद को शांत रखें, गहरी सांस लेकर छोड़े। कोई बात नहीं अगर रिजेक्ट हुए हो, अगली बार अच्छा होगा इस सोच के साथ फिर तैयारी शुरु कर दें। खुद को समय दें कि आपने क्या गलती किया है या फिर क्या सीखने की जरूरत है इस पर ज़ोर दे।
सलाह लेने पर विचार करें
अगर कुछ भी काम नहीं करता है और आप खुद को असहाय महसूस करते हैं, तो सबसे अच्छा तरीका है सलाह लेना। पेशेवर मदद लेना शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है क्योंकि यह आपको मानसिक रूप से ठीक करने में मदद करेगा। यह आपको कम असुरक्षित बना देगा और आपके लिए पूरी प्रक्रिया को आसान बना देगा।
असफलता, संघर्ष और रिजेक्शन यह सिर्फ बड़े शब्द नहीं है, बल्कि जीवन में इससे बेहतर कोई शिक्षक नहीं है। इसे एक सीख के रूप में लें। यह आपको जीवन में आगे बढ़ने और परिस्थियों के अनुसार ताकत देगी और आत्मविश्वास से भर देगी।
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