किसने सोचा था कि जीवन में आज-कल जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। हर कोई अपने घर में बंद है, न कही जा सकता है, न ही किसी से मिल सकता है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति के लिए तनाव जैसी स्थिति पैदा होना कोई बड़ी बात नहीं है। हालांकि, ज़्यादातर लोग अब समझने लगे हैं कि अपनी रुचि को वक्त देने से तनाव कम होता है और नियमित योगा, व्यायाम या मेडिटेशन करने से आप सकारात्मक रह सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में पेट्स रखने से भी आप मानसिक रूप से स्वस्थ्य रह सकते हैं। ये बेजुबान जीव आपके और आपकी सेहत के लिए बहुत बड़ा सहारा बन सकते हैं।
बेजुबान जीव को घर का सदस्य बनाने के क्या हैं फायदे:
1. डिप्रेशन से रहेंगे दूर
जिन लोगों के घरों में पालतू जीव साथ रहते हैं, उन लोगों को औरों के मुकाबले डिप्रेशन होने के की संभावना बेहद कम हो जाती है।
2. मन को शांति महसूस होती है
जब भी आप अपने पालतू जानवर के साथ खेलते या समय बिताते हैं, तो आपके शरीर में सेरोटोनिन और डोपामाइन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे आपको शांति महसूस होती है और आप आराम से रह पाते हैं।
3. बड़ी उम्र के लोगों को भी होता है फायदा
शोध बताते हैं की 65 साल की उम्र से बड़े लोगों के पास अगर उनका अपना पालतु जीव होता है, तो अपनी ही उम्र के दूसरे लोगों के मुकाबले उन्हें डॉक्टर के कम चक्कर लगाने पड़ते हैं। वो लोग अकेलेपन का शिकार नहीं बनते और खुद को किसी जीव के लिए महत्वपूर्ण महसूस करते हैं।
4. घबराहट कम होती है
जीव चाहे बेजुबान क्यों न हो, उसके साथ आपका रिश्ता एक मज़बूत बंधंन जैसा होता है। यह रिश्ता आपके मन को आराम प्रदान करता है, जिससे आप किसी भी बात से पैदा होने वाली घबराहट को काबू में करना सीख सकते हैं। पालतू जीव के साथ रहने से आपके अंदर दूसरों से मिलने का, मेल-मिलाप बढ़ाने का आत्मविश्वास पैदा हो जाता है। आपका पेट आपको ज़्यादा जागरुक बना सकता है।
5. निश्चित दिनचर्या का पालन
कई पालतू जीवों के लिए खाने, बाहर घूमने आदि के लिए एक निश्चित समय का पालन करना पड़ता है। एक नियमित दिनचर्या का पालन करना एक जानवर को संतुलित और शांत रखता है और यह आपके लिए भी काम कर सकता है। आपका मूड कैसा भी हो, आपको घर के बेजुबान सदस्य के लिए बाहर निकलना ही पड़ेगा।
6. सेंसरी स्ट्रेस से आराम मिलता है
जब आप अपने घर में रखे पालतू जीव को सहलाते हैं, तो आपका रक्तचाप कम हो सकता है, जिससे आप जल्दी शांत महसूस करते हैं और आपका तनाव भी कम होता है।
7. एलज़ाइमर्स के पेशेंट को मिलता है आराम
पालतू जानवर सकारात्मक, अशाब्दिक संचार का स्रोत प्रदान कर सकते हैं। अपने पालतू जीव के साथ समय गुज़ारने से, उसके साथ खेलने से, बातचीत करने से और उसको कोमल स्पर्श करने से अल्ज़ाइमर रोगी को शांत करने और आक्रामक व्यवहार को कम करने में मदद मिल सकती है।
यूं तो जानवर बेजुबान होते हैं, लेकिन देखा जाए तो इंसान के सबसे अच्छे दोस्त बन सकते हैं और उन्हें तनाव, अवसाद और कई मानसिक परेशानियों से दूर कर सकते हैं।
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