आनंद और तृप्ति के साथ भोजन करना है माइंडफुल ईटिंग

आनंद और तृप्ति के साथ भोजन करना है माइंडफुल ईटिंग

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माइंडफुल ईटिंग का मतलब है भोजन को स्वाद लेकर आनंद के साथ खाना, जिससे तृप्ति हो। भोजन करते समय कुछ और काम नहीं करना चाहिये क्योंकि इससे आप भोजन को पूरी तरह से आनंद के साथ नहीं खा पाते और उससे तृप्ति का भी अनुभव नहीं होता है। माइंडफुल ईटिंग के लिए इन तरीकों को अपनाया जा सकता है।

एक समय के साथ शुरू करें

ज़रूरी नहीं है कि आप पूरे दिन का भोजन आनंद लेकर ही करें, दिन में एक समय का भोजन जैसे ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर में से किसी एक समय भोजन करते समय न तो मोबाइल देखें और न ही कुछ और काम करें, सिर्फ भोजन करें।

खुद से सवाल पूछें

खाने से पहले कुछ पल के लिये रुकें और खुद से पूछें कि आप कैसा महसूस कर रहे हैः क्या मुझे भूख लगी है? क्या मैं प्यासा हूं? क्या मैं तनावग्रस्त, चिंतित या जल्दी में हूं? अक्सर हम भोजन इसलिये करते हैं, क्योंकि हमारा दिमाग और भावनाएं हमें इसके लिये मजबूर करती है। आप आराम या किसी चीज़ से अपना ध्यान भटकाने के लिये भी खाते हैं। मगर माइंडफुल ईटिंग का मतलब है सिर्फ भूख लगने पर खाना। इसलिये बॉडी में ट्यूनिंग ज़रूरी है ताकि आपको पता चल सकते कि वास्तव में कब भूख लगी है और भोजन करना है।

आनंद और तृप्ति के साथ भोजन करना है माइंडफुल ईटिंग
खाते समय गैजेट्स से दूर रहें | इमेज : फाइल इमेज

भोजन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बाकी चीज़ों को बंद करें

माइंडफुल ईटिंग का माहौल तैयार करने के लिये टीवी बंद कर दें, मोबाइल को साइलेंट मोड पर डालें और भोजन पर ध्यान केंद्रित करें। अपने आसपास के लोगों के साथ भोजन का पूरी तरह से आनंद लें।

सामने से हटा दें

प्लेट में खाना निकालने के बाद सर्विंग बाउल और बचे हुए खाने को टेबल या अपने सामने से हटा दें, ताकि आप ज़्यादा न खा पायें। यदि आप खुद को और भोजन लेने से रोक नहीं पाते हैं, तो बेहतर है कि छोटी प्लेट में खायें। इससे पहली बार में ही प्लेट में कम खाना आयेगा, जिससे दोबारा लेने में कोई हर्ज़ नहीं है।

धीमी गति

दिनभर भले ही आप सब काम तेज गति से करें, लेकिन भोजन धीमी गति से करना चाहिये। माइंडफुल ईटिंग का मतलब है खाने को धीरे-धीरे चबाकर उसका स्वाद लेकर खाना। खाते समय भोजन के रंग, स्वाद और बनावट पर ध्यान दें। प्रत्येक कौर के बीच कुछ देर के लिए रुकें। ऐसा करने से आपको भोजन अधिक स्वादिष्ट लगेगा और आनंद की अनुभूति होगी। इस तरह से खाने में 20 मिनट लगते हैं।

इसे आदत में शुमार करें

जिस तरह आप खुद को डेली वर्काआउड करने के लिए रिमाइंड कराते हैं, उसी तरह माइंडफुल ईटिंग के लिए भी दिमाग को रिमाइंड करते रहना ज़रूरी है। इसके लिए किचन में, फ्रिज के ऊपर या डायनिंग टेबल पर इससे संबंधित पोस्टर चिपकाएं ताकि वह आपको इसकी याद दिलाता रहे।

ज़रूरी है खाने का सही तरीका

– धीरे-धीरे चबाकर खाने से खाने का स्वाद पता चलता है।

– आराम से खाने से आपके दिमाग तक सिग्नल जाता है कि अब पेट भर गया है।

– धीमी गति से खाने पर आप अधिक खाने से बच जाते हैं, जिससे वज़न कंट्रोल में रहता है।

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