याद करिये, जब आप छोटे थे, तो एग्ज़ाम पास आते ही स्ट्रैस होना शुरू हो जाता था। कभी एक पेज इधर से पढ़ते, तो दूसरा पेज उस दूसरे राइटर की किताब से पढ़ने लगते थे, लेकिन एक बार एग्ज़ाम खत्म, तो सारी चिंतायें और परेशानियां दूर हो जाती थी।
सोचिये, कुछ ऐसा ही बड़े होने पर होता है। कभी एक चीज़ में दिमाग लगाते है, तो अचानक कोई दूसरी बात दिमाग में घूमने लगती है। कभी ऑफिस का काम, तो कभी बच्चों को एक्टिविटी क्लास छोड़ने जाना या फिर रूटीन के सारे काम निपटाकर फौरन घर के लिए सामान खरीदने जाना। इतना ही नहीं, इन सब के बीच में आपको अपने सभी रिश्ते भी निभाने होते हैं। अब ज़ाहिर सी बात है कि, ऐसे में कभी-कभी आप स्ट्रैस्ड आउट महसूस करते होंगे। अगर आप कभी ओवर-प्रैशर्ड महसूस करें, तो नीचे बताई जाने वाली बातों पर ध्यान दें।
भगवान की अराधना करना न भूलें
आप उसे चाहे किसी भी नाम से बुलाये, लेकिन ईश्वर को याद करने से आपके मन को शांति मिलेगी। आपको इस बात का एहसास होगा कि भगवान सब कुछ जानता है और वह आपकी सारी मुश्किलें आसान कर देगा। जब आपको इस बात पर विश्वास हो जायेगा कि आपका ईश्वर आपके साथ है, तो आपके अंदर एक बार फिर से खड़े होने की ताकत खुद-ब-खुद आ जायेगी।

साथ में शुक्रिया भी करें
भगवान से प्रार्थना करते समय उसका शुक्रिया करना न भूलें। आपके पास जो है, वह दूसरे लोगों से कहीं ज़्यादा है। इसलिए जो आपके पास नहीं है, उसके बारे में सोचकर परेशान न हो और शिकायत न करें। अगर कुछ करना है, तो उसे हासिल करने की दिशा में मेहनत करें।
आगे की संभावनाओं के बारे में सोचिये
अक्सर जब आप चिंतित होते हैं, तो आगे के बारे में ठीक से सोच नहीं पाते हैं। आपका आने वाला कल, आपके लिए क्या संभावनायें साथ ला सकता है, इसके बारे में एक बार आराम से सोचे। रात को सोने से पहले जब आप आराम से लेटे होते हैं, तब अपने बारे में सोचे।
एक बार आप ईश्वर और आपको दिये हुये उसके आशीर्वाद को याद रखने लगेंगे, तो आपकी सारी चिंतायें और परेशानियां पल में छूमंतर हो जायेंगी।
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