यदि आप किसी से पूछते हैं कि उन्हें ज़िंदगी में क्या चाहिए तो ज़्यादातर लोग कहेंगे कि ‘शांति’। लेकिन शांति का असल में क्या अर्थ है? क्या इसका अर्थ है रोज़मर्रा की मुश्किलों को अलविदा बोलकर एक शांत जीवन के लिए पहाड़ों पर चले जाना? या सारी इच्छाओं व उम्मीदों का त्याग करना ताकि शांति मिल सके। हो सकता है कुछ लोगों के लिए यह सच हो, लेकिन ज़्यादातर लोगों को शांति रोज़मर्रा की सांसारिक दिखने वाली चीज़ों में मिलती है।
शांति के मायने
शांति के मायने हर किसी के लिए अलग होते है। एक नई मां के लिए अपने बच्चे को आनंदपूर्वक सोते हुए देखना शांति है। कामकाजी व्यक्ति के लिए काम के बीच से 10 मिनट का ब्रेक लेकर फोन पर अपनों से ये पूछ लेना कि ‘खाना खाया’ सुकून देता है। किसी के लिए पहाड़ों पर लॉन्ग ड्राइव करने जाना या बहुत दिनों बाद छुट्टियां लेना। किसी छात्र के लिए यह जानना कि उनकी मेहनत रंग लाई। तो किसी को बिना कुछ किए बस आसमान को निहारना ही सुकून देता है। तो किसी के लिए काम में खुद को डूबा देना और किसी ऐसे प्रोजेक्ट पर काम करना शांति है, जो उनके दिल के करीब है। जब मैं बहुत छोटी थी तो मुझे लगता था कि शांति वह है जब मैं दूसरों को परेशान किए बिना या दूसरों से परेशान हुए बिना शांति से बैठती हूं। कुछ ऐसा जो बहुत कम उम्र में मेरे शिक्षक ने सिखाया। मैं बहुत ही बातूनी थी, जिसके कारण मुझे चैटर बॉक्स जैसे कमेंट मिलते थे, और मेरे बातूनी होने का असर रिपोर्ट कार्ड में भी दिख जाता था।
तो हर कोई किस तरह की शांति की तलाश में है? क्या यह पल भर की शांति और आनंद की अनुभूति है जब हमें अपनी इच्छानुसार चीज़ें मिल जाती है? या यह व्यापक भावना है कि जो दिन भर, हमेशा हमारे साथ रहती है। यह हमारे लिए दूसरा स्वभाव बन जाती है, जब कोई स्थिति, घटना या व्यक्ति हमारी आंतरिक शांति को बाधित नहीं कर सकता।
इस महीने हम इस सफर पर साथ निकलेंगे। यह सफर जो कई छोटे-छोटे कदमों से मिलकर बना है और जो शांति की ओर जाने में हमारा मार्गदर्शन करेगा।
इस सफर में हम एक-दूसरे का साथ देंगे और एक-दूसरे को मज़बूत करेंगे।
ढेर सारे प्यार के साथ
ज्योति कुमारी
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