सात्विक आहार का संबंध भारत की सदियों पुरानी संस्कृति से है। साधु-संत और आयुर्वेद को मानने वाले हमेशा ऐसा ही भोजन करते आए हैं और आपको जानकार हैरानी होगी कि उन्हें सामान्य लोगों की तरह हर दो-चार महीने में डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती, क्योंकि उनका भोजन ही उन्हें स्वस्थ और बीमारियों से दूर रखता है।
जानिए कुछ दिलचस्प बातें
- सात्विक आहार में हर व्यक्ति को अपने दोष (वात, पित्त, कफ) के हिसाब से खाना चाहिए।
- कफ की प्रधानता वालों को कड़वा और तीखा, पित्त दोष वालों को कड़वा, मीठा और ठंडे खाद्य पदार्थों से लाभ होता है, जबकि वात दोष वालों को नमकीन, खट्टा और गर्म आहार लेना चाहिए।
- लहसुन और प्याज़ भी अन्य सब्ज़ियों की तरह ही उगते हैं, लेकिन सात्विक आहार में यह वर्जित है। गर्म तासीर के कारण इसे तामसिक भोजन माना जाता है।
- इसमें बासी भोजन की भी मनाही है यानी सुबह का बना खाना शाम को नहीं खाना है। हमेशा सिर्फ ताज़ा बना भोजन ही किया जाता है।
- भोजन बनाते समय भी सकारात्मक रहना ज़रूरी है।
- आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति के विचार और भोजन में गहरा संबंध होता है इसलिए खाना बनाते समय मन में अच्छे और सकारात्मक विचार रहने से भोजन स्वादिष्ट बनता है।
- बिना तेल मसाले के भी सात्विक आहार बहुत स्वादिष्ट लगता है, क्योंकि इसमें कुदरती स्वाद होता है।
सेहतमंद और पौष्टिक
- इसे हीलिंग फूड भी कहा जाता है, क्योंकि यह आपके शरीर को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करके आपको बीमारियों से बचाता है।
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- इसमें सभी 6 स्वाद का होना ज़रूरी है जैसे मीठा, नमक, खट्टा, तीखा, कड़वा और कसैला।
- सात्विक आहार बहुत ही प्रतिबंधात्मक प्रकृति है क्योंकि इसमें बहुत सी चीज़ों को खाने की पूरी तरह से मनाही होती है जैसे तला, भुना, मसालेदार, पैक्ड खाद्य पदार्थ आदि।
- सात्विक आहार योग और मेडिटेशन के फायदों को बढ़ा देता है, क्योंकि इसके सेवन से भी आपका शरीर और मस्तिष्क संतुलित व शांत बनता है।
- जो लोग सात्विक आहार का सेवन करते हैं, उनकी निर्णय क्षमता अच्छी होती है।
- इसकी खासियत यह है कि इसके सेवन से आपको पेट संबंधी समस्या कभी नहीं होगी, क्योंकि इसमें सभी खाद्य पदार्थो को संतुलित मात्रा में खाने का नियम है।
- इसकी एक और सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें भोजन के समय किसी दूसरे काम की पूरी तरह से मनाही होती है जैसे मोबाइल/टीवी देखना।
यदि आप खुद को स्वस्थ और फिट रखने के लिए डाइटिंग करने की सोच रहे हैं तो उससे अच्छा है कि सात्विक आहार अपना लें। इससे शरीर के साथ ही मन भी शुद्ध हो जाएगा।
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